नरसिंहपुर। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा यानी आरईएस के अधिकारियों की करामात के चलते मुख्यंत्री सरोवर योजना के अंतर्गत करीब पौने दो करोड़ की लागत से धवई वाटर टैंक परियोजना दो वर्ष पहले स्वीकृत की थी। महानुभावों ने शासन स्तर पर तय स्थल के साथ-साथ डीपीआर तक को बदल दिया। धवई के बजाय ये बांध-तालाब 1.18 वर्ग किलोमीटर के दायरे में चीलाचौन में बनाकर रख दिया। जल निकासी द्वार चिन्हित स्थल के बजाय अन्यत्र कर देने से ये किसानों के लिए खतरनाक हो गया है। गोटेगांव विधानसभा के अंतर्गत धवई गांव में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मप्र शासन के अंतर्गत करीब 1 करोड़ 68 लाख 70 हजार की लागत राशि से धवई टैंक प्रोजेक्ट के नाम से बांध-तालाब का निर्माण भोपाल से आए पत्र क्रमांक 26 सितंबर 2018 को स्वीकृत किया गया था। निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा बनाई गई थी। पंचायत राज संचालनालय के पत्र में स्पष्ट लिखा गया था कि चयनित स्थल पर निर्माण कार्य नियमानुसार तकनीकी स्वीकृति के अनुसार ही किए जाएंगे। संपूर्ण निर्माण की अवधि 30 जून 2019 निश्चित की गई थी। लेकिन, तय समय इसका निर्माण किया ही नहीं, उल्टे स्थान तक बदल दिया। जिन किसानों को इसका लाभ दिया जाना था, वे अब भी हक से वंचित हो गए हैं। बांध का जल निकासी द्वार बदल देने से यह उन किसानों के लिए खतरनाक हो गया है, जिनकी बांध के आसपास जमीनें हैं। मानसून काल में इनके जलमग्न का खतरा है। खबरलाइव 24 ने जब इसकी पड़ताल की और संबंधितों से स्थल बदलने की वजह जानी तो उनके होश उड़ गए। वे गोलमोल जवाब देते नजर आए।
पिचिंग के लिए बुलाए थे छूई पत्थर
डीपीआर के विपरीत जाकर चीलाचौन में अवैध रूप से बनाए जा रहे बांध-तालाब के अंदर-बाहर अभी तक कोई पिचिंग नहीं की गई है। ठेकेदार ने यहां पर पिचिंग के लिए छूई पत्थर बुलाए थे। जो लगने ही वाले थे कि खबरलाइव 24 को इसकी जानकारी लग गई। मौके पर जाकर जब इसकी तस्वीरें कैमरे में कैद की तो ठेकेदार ने अधिकारियों को इस बारे में बता दिया। आनन-फानन में आरईएस के अधिकारी छूई पत्थर को रिजेक्ट कर ब्लैक स्टोन लगवाने की बात करने लगे।
मैं जब आया तो बांध बन रहा था
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के जिला मुख्यालय में पदस्थ वर्तमान कार्यपालन यंत्री केएस मालवीय के अनुसार उनकी जब यहां पदस्थापना हुई तो इस बांध का निर्माण जारी था। उन्होंने इसके लेआउट व डीपीआर के बारे में जानकारी नहीं है। इसका निर्माण उनके पहले नियुक्त रहे कार्यपालन यंत्री आरएस सूत्रकार के समय शुरू कराया गया था। कार्यपालन यंत्री मालवीय के अनुसार उन्हें नहीं मालूम कि बांध कहां बनना था।
मालवीयजी जानें, मेरा तो तबादल हो गया
वहीं इस संबंध में अन्य जिले में पदस्थ और जिले के पूर्व कार्यपालन यंत्री श्री सूत्रकार से फोन पर बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्हें नहीं मालूम कि बांध का निर्माण कहां होना था। वे वर्तमान में पन्न्ा में पदस्थ हैं। धवई प्रोजेक्ट के बारे में सारी डीटेल केएस मालवीय देंगे।
कलेक्टर तक पहुंचा मामला
धवई वाटर टैंक परियोजना का मामला मैं दिखवाता हूं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। मैं इस संबंध में पड़ताल कराता हूं।
श्री वेदप्रकाश, कलेक्टर नरसिंहपुर।