रास सदस्य श्री सोनी ने सौंपे गए सुझाव पत्रों में कहा है कि देश के अनेक प्रांतों से उन्हें सराफा व्यापारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी पीड़ा बताई है। विशेषकर सराफा व्यापारियों को पुलिस उत्पीड़न झेलना पड़ता है। यह धारा जब गठित होती है जब कोई भी वस्तु बाजार मूल्य से अत्यंत कम दाम में खरीदी जाए और उसका कोई रिकार्ड न रखे जाएं। सोने चांदी का व्यवसाय करने वालों की समाज में बड़ी प्रतिष्ठा और विश्वास रहता है। इनके द्वारा आभूषण बाजार दाम पर खरीद जाते हैं और इनका रिकॉर्ड रखते हैं इसके बावजूद इन्हें इस धारा 411 का हवाला देकर बुरी तरह से प्रताड़ित किया जाता है। इस कारण देशभर में कई आत्महत्या हुई है, मेरे द्वारा राज्यसभा में शून्यकाल में यह विषय भी उठाया गया जिस पर विभाग ने परीक्षण करने की बात कही है। रास सदस्य ने कहा है कि उक्त बातों को लेकर उन्हें तमिलनाडु व दिल्ली के संगठनों ने ज्ञापन सौंपा। सीधे आपको भी विभिन्न् संगठनों द्वारा समय-समय पर इन कठिनाइयों पर आपको ध्यान आकर्षित कराया गया है। अत: आग्रह है कि भारतीय दंड संहिता धारा 411 में परंतु को जोड़ दिया जाए। सोने-चांदी का व्यवसाय करने वाले जिन लोगों ने बाजार मूल्य पर सामान खरीदे हैं एवं विधिवत रिकॉर्ड रखा है उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 411 आकस्मिक लागू नहीं होगी। इससे देश भर के सराफा व्यापारी प्रताड़ना से बच सकेंगे इस वर्ग में हमारा भी विश्वास बढ़ेगा।
श्री सोनी ने सहकारिता के क्षेत्र में सुधार के लिए दिए पत्र में सुझाव दिया है कि देश की ग्रामीण वस्था के व्यवस्थित संचालन एवं कृषि मुख्य आधार बैंक एवं कृषि सहकारी समितियां हैं। उन्होंने कहा कि मैं सहकारी बैंक में 10 वर्षों तक अध्यक्ष एवं मप्र अपेक्स बैंक का उपाध्यक्ष रहा हूं मेरा सुझाव है कि सहकारी बैंक का संचालन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या नाबार्ड द्वारा किया जाए एवं कृषि सहकारी समितियों का शीघ्र अति शीघ्र समिति में मैनेजर की नियुक्ति प्रांत द्वारा गारंटी लेकर की जाए। जिससे किसानों के कार्य आसानी से हो सकेंगे। आपको सहकारिता विभाग मिला है इससे पूरे देश में सहकारिता के क्षेत्र में एक नई आशा जागी है। इसलिए इन सुझावों पर विचार कर किसानों को सुविधाएं दी जा सकती है। श्री सोनी ने कहा है कि उक्त दोनों मुद्दों पर श्री शाह ने कार्रवाई के लिए आश्वस्त कराया है।