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धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत का वितरण रहेगा वर्जित, फेस कवर पहने होने पर ही होगी प्रवेश की अनुमति

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धार्मिक प्रतिष्ठानों और पूजा-स्थलों पर कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किये गये एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएँ ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कंटेनमेंट एरिया के अंतर्गत आने वाले समस्त धार्मिक प्रतिष्ठान एवं पूजा-स्थल बंद रहेंगे। केवल कंटेनमेंट एरिया के बाहर के स्थलों पर प्रवेश की अनुमति होगी।

संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएँ ने कोविड संक्रमण रोकने के लिये जन-साधारण को आवश्यक सावधानियाँ बरतने को कहा है। 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।

धार्मिक प्रतिष्ठानों एवं पूजा-स्थलों पर कार्यरत व्यक्तियों तथा आगंतुकों से आवश्यक सावधानियों का पालन करने की अपेक्षा की गई है। सार्वजनिक स्थानों पर आपस में 6 फीट की दूरी रखी जानी चाहिये। चेहरे को मॉस्क या फेस कवर से ढांकना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाये। देखने में गंदे न होने पर भी साबुन और पानी से बार-बार 40 से 60 सेकेण्ड तक हाथ धोए जायें। एल्कोहलयुक्त सेनिटाइजर से (कम से कम 20 सेकेण्ड तक) हाथों को सेनिटाइज करने की सुविधा यथासंभव उपलब्ध कराई जाये। श्वसन एटीकेट्स का पालन करते हुए छींकने या खाँसने के समय मुँह को रूमाल, टिशु पेपर या कोहनी से ढांका जाना चाहिये। नागरिक स्वयं के स्वास्थ्य की निगरानी करें और बीमारी के लक्षण होने पर तत्काल जिले की हेल्पलाइन पर सम्पर्क करें। थूकना सर्वथा वर्जित है। सभी को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर उपयोग की सलाह दी जाये।

धार्मिक प्रतिष्ठान सुनिश्चित करें

प्रवेश द्वार पर हैण्ड हाईजीन के लिये सेनिटाइजर, डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो। लक्षण रहित व्यक्तियों (सर्दी, खाँसी, बुखार आदि न होने पर) को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। मॉस्क या फेस कवर पहने होने पर ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। कोविड-19 संक्रमण से बचाव संबंधी प्रसार सामग्री का प्रदर्शन प्रमुखता से किया जाये। ऑडियो एवं वीडियो क्लिप द्वारा बचाव संबंधी सावधानियों का बार-बार प्रसारण सुनिश्चित करना होगा। आगंतुकों को जूते, चप्पल स्वयं के वाहन में खोलकर आने की समझाइश दी जाये। आवश्यक होने पर जूते, चप्पल प्रत्येक व्यक्ति या परिवार के लिये निर्दिष्ट पृथक स्थान पर स्वयं रखे जायें। परिसर के बाहर एवं पार्किंग एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना धार्मिक प्रतिष्ठान संचालकों के लिये अनिवार्य होगा। परिसर के अंदर अथवा बाहर संचालित दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का 24×7 पालन सुनिश्चित करना होगा। संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिये लाइन में गोले के निशान बनवाना चाहिये। प्रवेश के लिये कतार में कम से कम 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करें।

धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत, छिड़काव आदि का वितरण वर्जित रहेगा। चढ़ावा केश के रूप में न दें अपितु डिजिटल ट्रांसफर ऑफ मनी को प्राथमिकता दें। मंदिर में घंटी बजाने, फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर आदि चढ़ाने की अनुमति न दी जाये। प्रार्थना के लिये जाजम न बिछाई जाये। श्रद्धालु स्वयं अपना कपड़ा लायें। सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाये। धार्मिक प्रतिष्ठान द्वारा परिसर की बार-बार सफाई और विसंक्रमण सुनिश्चित किया जाये। कर्मचारियों और आगंतुकों द्वारा छोड़े गये मॉस्क आदि का समुचित निपटान सुनिश्चित किया जाये।