धान व गेहूं की जो खेप नागरिक आपूर्ति निगम और स्टेट वेयर कॉर्पोरेशन के गोदामों में आई है उसमें से बहुत से बोरों में दोनों अनाज की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई है। नागरिक आपूर्ति के जिला प्रबंधक अतुल कुमार जीते के अनुसार कटनी जिले से उनके गोदामों में चावल के जो लॉट आए हैं उनमें से 7 हजार 552 बोरों में भरी धान की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई है। इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन समेत एफसीसीआई समेत कटनी जिला प्रशासन को दे दी गई है। श्री जीते के अनुसार चिंहिंत चावल को सुधरवाने के लिए इन्हें वापस कटनी के मिलर्स को भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा विभिन्न् गोदामों में और कितना माल मानक स्तर का नहीं है, उसकी पड़ताल भी हो रही है। चावल के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बांटा जाने वाला गेहूं गुणवत्तायुक्त नहीं पाया गया है। जानकारी के अनुसार उज्जैन से आई गेहूं की खेप में बहुत से बोरों में गुणवत्ताहीन गेहूं मिला है। हालांकि कितने बोरे मानकों के अनुरूप नहीं है, इसकी फिलहाल स्पष्ट जानकारी अधिकारियों के पास नहीं है। अधिकारियों के अनुसार गोदामों में रखे गेहूं के बोरों की छानबीन की जा रही है, जितना भी माल खराब या गुणवत्ताहीन मिलेगा, उसे वापस उज्जैन भेजा जाएगा।
उच्चस्तरीय जांच कराने मानवाधिकारी परिषद की मांग
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गुणवत्ताहीन चावल-गेहूं की खेप के मामले में अब सामाजिक संगठन भी विरोध जताने लगे हैं। मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे मानवाधिकारी परिषद मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने घटिया चावल व गेहूं की सप्लाई के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ-साथ दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की है। परिषद के जिलाध्यक्ष विमल बानगात्री समेत करीब एक दर्जन लोगों ने नृसिंह भवन पहुंचकर ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया कि पिछले माहों में की गई समर्थन मूल्य की धान खरीदी के दौरान ही अन्य जिलों जिसमें कटनी जिला प्रमुख है, वहां से अमानक स्तर की धान भारी मात्रा में भंडारण के लिए वेयर हाउस में जमा की गई है। इसके अलावा उज्जैन जिल से अमानक स्तर का गेहूं जिले के वेयरहाउसां में पीडीएस वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन दुकानों में वितरण के लिए आया है। परिषद ने कलेक्टर से आग्रह किया कि अमानक स्तर की धान खरीदी व इस धान और गेहूं को अन्य जिले से लाकर नरसिंहपुर में भंडाकरण के लिए रखने समेत अमानक स्तर की धान के मामले में शीघ्र कार्रवाई करें।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गुणवत्ताहीन चावल-गेहूं की खेप के मामले में अब सामाजिक संगठन भी विरोध जताने लगे हैं। मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे मानवाधिकारी परिषद मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने घटिया चावल व गेहूं की सप्लाई के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ-साथ दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की है। परिषद के जिलाध्यक्ष विमल बानगात्री समेत करीब एक दर्जन लोगों ने नृसिंह भवन पहुंचकर ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया कि पिछले माहों में की गई समर्थन मूल्य की धान खरीदी के दौरान ही अन्य जिलों जिसमें कटनी जिला प्रमुख है, वहां से अमानक स्तर की धान भारी मात्रा में भंडारण के लिए वेयर हाउस में जमा की गई है। इसके अलावा उज्जैन जिल से अमानक स्तर का गेहूं जिले के वेयरहाउसां में पीडीएस वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन दुकानों में वितरण के लिए आया है। परिषद ने कलेक्टर से आग्रह किया कि अमानक स्तर की धान खरीदी व इस धान और गेहूं को अन्य जिले से लाकर नरसिंहपुर में भंडाकरण के लिए रखने समेत अमानक स्तर की धान के मामले में शीघ्र कार्रवाई करें।
इनका ये है कहनाहमारे गोदामों में 7 हजार 552 बोरों के धान की गुणवत्ता सही नहीं पाई गई है। यद्यपि ये पूरी तरह से अमानक नहीं है, इसकी क्वॉलिटी में सुधार की गुंजाइश है। एफसीसीआई को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। उनके निर्देश पर इस खेप को वापस कटनी जिला भेजा जाएगा। उज्जैन से आए गेहूं का भंडारण स्टेट वेयर हाउस के गोदामों में किया गया है।अतुल कुमार जीते, जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, नरसिंहपुर।