हरियाली अमावस्या 20 जुलाई को

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इस साल हरियाली अमावस्या  20 जुलाई को है। हरियाली अमावस्या,नाम से ही समझ आता है कि वह दिन जो हरियाली को समर्पित है,हरियाली के आगमन के रूप में जिसे मनाया जाता है। सावन महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता हैं। इस अमावस्या का संबंध प्रकृति, पितृ और भगवान शंकर से है। तीनों लोक से संबंध होने के कारण इस अमावस्या का अपना विशेष महत्व है। हिंदू संस्कृति में श्रावण अमावस्या या चंद्रमा का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। यह भारत की स्थानीय संस्कृतियों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जैसे हरियाली अमावस्या/सोमवती अमावस्या/श्रावण अमावस्या प्रसिद्ध है। पूरे भारत में, श्रावण अमावस्या परंपरागत रूप से विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है।
 
  • श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या जुलाई-अगस्त माह में, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने में अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • हरियाली अमावस्या के दिन, लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। शिव मंदिर में प्रचुर मात्रा में चढ़ावा चढ़ाते हैं या विशेष प्रकार की पूजा या समारोह किए जाते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि श्रावण अमावस्या पर शिव पूजा करने से भक्तों को अच्छे भाग्य, समृद्धि और धन संपत्ति का आशीर्वाद मिलता है।
  • हरियाली अमावस्या मानसून के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। यह बारिश के लिए आमंत्रण कार्ड के रूप में कार्य करता है और एक बहुत अच्छी फसल सुनिश्चित करता है।
  •   लोग इस दिन को हरियाली और ताजा रंगों का आनंद लेते हुए मनाते हैं और गर्मियों के महीने के अंत का आनंद लेते हैं।
  • हरियाली अमावस्या का पर्व हरियाली तीज के त्योहार से तीन दिन पहले होता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर में, श्रावण पांचवां महीना होता है। श्रावण के इस पूरे महीने को भगवान शिव की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है।
  • कुछ विशिष्ट स्थानों पर लोग श्रावण अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा करते हैं। चूंकि यह मानसून के दिन की शुरुआत होती है, भक्तों का मानना है कि यदि वे श्रावण अमावस्या पर पेड़ लगाएंगे, तो उनके जीवन में भी हरियाली रहेगी।
  •   आप दैनिक चौघड़िया के माध्यम से कुछ अनुष्ठान करने के लिए दिन के शुभ मुहूर्त देख सकते हैं।
  • चंद्रमा दिवस या श्रावण अमावस्या, पितृ पूजा के लिए एक बहुत शुभ दिन माना जाता है।
  • हरियाली अमावस्या तंत्र-मंत्र की सिद्धि विशेष फल प्रदान करती है। पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए भी यह दिन खास है।

मुहूर्त

जुलाई 20, 2020 को 00:11:42 से अमावस्या आरंभ
जुलाई 20, 2020 को 23:04:10 पर अमावस्या समाप्त
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