भगवान का नाम लेकर भूखे पेट काटी रात, सुबह हेल्प डेस्क से भोजन मिला तो छलक उठी आँख
हेल्प डेस्क ने गरीबों, असहायों और मरीजों को बांटा खाना, सेवायें जारी रखने कलेक्टर के प्रति जताया आभार
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नरसिंहपुर। लॉक डाउन ने हर घर के दरवाजे भले ही बंद कर दिए हों, लेकिन गरीब, असहायों, जरूरतमंदों की मदद का रास्ता खुला हुआ है। मानवीयता को सर्वोपरि मानने वाली नरसिंहपुर की सेवा संस्कृति यहाँ के लोगों में कूट-कूटकर भरी है। इसका प्रत्यक्ष उदहारण जिले में संचालित युवाओं की हेल्प डेस्क है, जो निःस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों को दोनों वक्त भोजन उपलब्ध कराने का काम कर रही है। हालांकि कुछ गफलत के कारण हेल्पडेस्क शनिवार को भोजन वितरण नहीं कर पायी थी। नतीजा कई जगहों पर भूख से तड़पते हुए बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं-पुरुषों को भगवान् का नाम लेकर रात गुजारनी पड़ी। हालांकि रविवार सुबह जैसे ही हेल्प डेस्क ने इन्हें खाना पहुँचाया तो मारे ख़ुशी के कई लोगों की आँखें छलक उठीं। इन लोगों ने हेल्प डेस्क के युवाओं से बीती रात को न आने का कारण पुछा, साथ ही अपनी व्यथा भी सुनाई।
गरीबों के घर जाकर भोजन वितरण करते हेल्प डेस्क के सदस्य
रविवार को नगर सहित जिले में हेल्प डेस्क समेत प्रशासनिक अमले ने शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन समेत अन्य जगहों पर जरूरतमंदों, बाहरी जिलों से पैदल चलकर आ रहे मजदूरों के भोजन-पानी की व्यवस्था की। हेल्प डेस्क ने उनकी सेवाओं को सतत रखने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना के प्रति आभार व्यक्त किया।
बढ़- चढ़कर सहयोग कर रहे नागरिक
जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए चाहे हेल्प डेस्क हो या फिर प्राशसनिक अमला, सभी को जिले के आम लोग, किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा आदि सभी बढ़-चढ़कर सहयोग कर रहे हैं। कोई अपने घर से नियमित रूप से 5 -10 पैकेट भोजन के रोज तैयार करके दे रहा है तो कोई कच्चा अनाज देकर परोक्ष रूप से मदद करने में जुटा है। इसी क्रम में आज रविवार को शहर के समाजसेवी-किसान शैलेन्द्र सिंह जाट, मुकेश प्रजापति भी हेल्प डेस्क को करीब तीन क्विंटल टमाटर उपलब्ध कराएँगे।