नरसिंहपुर। हॉकी खेलने का जुनून मुझमें बचपन से ही था। पहली हॉकी मुझे दोस्तों ने उपहार में दी थी। हालांकि इटारसी के सरकारी स्कूल में पदस्थ मेरे पिताजी रोहित प्रसाद चाहते थे कि मैं पढ़-लिखकर कोई अधिकारी बनूं। इसलिए कई बार हॉकी खेलने की बात पर मेरी पिटाई भी होती थी लेकिन इसे मैंने प्रोत्साहन के रूप में लिया। बड़े भाई विद्यासागर व बहन पूजा मेरी बहुत मदद करते थे, इसके कारण मेरा जज्बा बढ़ा और मैं भारतीय हॉकी टीम का सदस्य बनकर टोक्यो ओलिंपिक 2021 में ब्रांज मेडल जीत सका।
ये बात शनिवार को जिला मुख्यालय मंे जिला हॉकी संघ के सम्मान समारोह में पहुंचे भारतीय हॉकी टीम के अहम सदस्य रहे विवेक प्रसाद सागर ने खबरलाइव 24 से विशेष मुलाकात में कही। विवेक सागर ने बताया कि भारतीय टीम में खेलने के जुनून के लिए उन्होंने दिन-रात प्रैक्टिस की। कुछ वर्ष पूर्व अकोला महाराष्ट्र में एक हॉकी मैच के दौरान उनके कदमों की ताल को देखकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद उनसे प्रभावित हुए और उन्होंने विवेक को एमपी अकादमी ज्वाइन करने का न्यौता दिया। स्वयं पहल करते हुए उसके कोच बन गए। विवेक के अनुसार उनके कोच के कई बार तो उन्हें अपने घर ले जाकर प्रैक्टिस कराई, उनके हुनर को तराशा। जिसका नतीजा ये रहा कि वर्ष 2019 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर चुना। विवेक सागर को लगातार दूसरी साल भी एफआइएच ने राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर के लिए नामांकित किया है। पाठकों को बता दें कि विवेक सागर देश के दूसरे सबसे कम उम्र के ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका चयन भारतीय हॉकी टीम के लिए हुआ है। मिड फील्डर के रूप में श्री सागर ने 17 साल 10 माह 22 दिन की उम्र में प्रवेश किया।
कलेक्टर के आमंत्रण पर बोले सागर-प्रतिभाओं की करेंगे मदद
ओलिंपिक में ब्रांज मेडल विजेता विवेक प्रसाद सागर से मिलने कलेक्टर वेदप्रकाश भी पहुंचे। यहां उन्होंने विवेक को टोक्यो ओलिंपिक 2021 में ब्रांज मेडल जीतने की उपलब्धि के लिए बधाई दी। साथ ही जिले की प्रतिभाओं को तराशने के लिए आमंत्रण दिया। कलेक्टर के आग्रह पर विवेक सागर ने आश्वस्त किया कि वे जरूर जिले मंे हॉकी को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे। प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव पर भी उनकी सकारात्मक सहमति रही।