यह आवास नई दिल्ली स्थित डॉ. बी.डी. मार्ग पर स्थित हैं। करीब 80 साल से ज्यादा पुराने आठ बंगलों की भूमि को पुन: विकसित कर ये 76 आवास बनाए गए हैं। इन आवासों के निर्माण पर स्वीकृत कुल राशि का 14 प्रतिशत कम धन खर्च हुआ है और कोविड-19 महामारी के बावजूद काफी कम समय में यह कार्य पूर्ण हुआ है।
इन आवासों के निर्माण के दौरान विभिन्न हरित निर्माण पहलों का ध्यान रखा गया है। इसके तहत फ्लाई ऐश और निर्माण तथा ढहाई गई इमारतों से निकले कचरे से निर्मित ईंटों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ थर्मल इन्सूलेशन के लिए दोहरी ग्लेज्ड खिड़कियां और ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइट फिटिंग्स, लाइट कंट्रोल के लिए सेंसर, कम बिजली खपत सुनिश्चित करने के लिए वीआरवी सिस्टम से लैस एयर कंडीशनर, पानी की बचत करने वाली कम बहाव वाली टोटियां, वर्षा जल संचयन व्यवस्था और इमारतों की छतों पर सौर संयंत्र लगाए गए हैं।