नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना कमांडर सम्मेलन (एएफसीसी) का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 22 जुलाई को वायु सेना मुख्यालय (वायु भवन) में हुआ। वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने माननीय रक्षा मंत्री एवं रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया।
भारतीय वायु सेना कमांडरों को अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपनी परिचालनगत क्षमताओं को सुदृढ़ बनाने में भारतीय वायु सेना द्वारा प्रदर्शित सक्रिय प्रतिक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने जिस पेशेवर तरीके से बालाकोट में हवाई हमलों तथा पूर्वी लद्दाख में व्याप्त स्थिति की प्रतिक्रया में अग्रवर्ती स्थानों पर भारतीय वायु सेना परिसंपत्तियां की त्वरित तैनाती को अंजाम दिया, उससे शत्रुओं को एक जोरदार संदेश गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए राष्ट्र का संकल्प उसकी सशस्त्र सेनाओं की क्षमता में विश्वास के कारण अडिग है। उन्होंने एलएसी पर तनाव घटाने की जारी कोशिशों पर प्रशंसा की तथा भारतीय वायु सेना से किसी भी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की अपील की।
उन्होंने कोविड-19 महामारी के प्रति देश के रिस्पांस की सहायता करने एवं कई एचएडीआर मिशनों के दौरान निभाई गई भूमिका के लिए भारतीय वायु सेना के शानदार प्रदर्शन की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने प्रौद्योगिकी में आए बदलावों तथा नैनो टेक्नोलाजी, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस, साइबर एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में उभरती क्षमताओं को अपनाने में भारतीय वायु सेना की भूमिका की सराहना करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने कमांडरों को भरोसा दिलाया कि चाहे वित्तीय आवश्यकताएं हों या और कोई आवश्यकता, सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा किया जाएगा।
तीन दिनों के सम्मेलन के दौरान, कमांडर उभरने वाली सभी स्थितियों से निपटने के लिए अगले दशक में भारतीय वायु सेना की क्षमताओं के निर्माण पर विचार करने से पूर्व वर्तमान प्रचालनगत परिदृश्य एवं तैनातियों की समीक्षा करेंगे।