जबलपुर पुलिस ने दिया जावेद को भागने का मौका! नरसिंहपुर में पकड़ाया तो दिखाने लगे ऐंठ

कोरोना संक्रमित 50 हजार का इनामी गिरफ्तार, 10 सुरक्षाकर्मियों को 11-11 हजार का इनाम

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नरसिंहपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल से रविवार दोपहर कथित रूप से फरार हुआ इंदौर का कोरोना संक्रमित और 50 हजार का ईनामी जावेद खान आखिरकार सोमवार सुबह नरसिंहपुर जिले की सीमा पर चौकस सुरक्षाकर्मियों के हत्थे चढ़ गया। जावेद मदनपुर गांव से बाइक चोरी कर इंदौर की ओर भागने की कोशिश कर रहा था। हैरत की बात ये है कि जब ये जानकारी जबलपुर पुलिस को हुई तो वह यकीन ही नहीं कर पा रही थी कि असली जावेद को नरसिंहपुर पुलिस ने पकड़ा है। वे फोन पर ऐंठ भरे शब्दों में नरसिंहपुर पुलिस से ऐंठ में बात करते सुनाई दिए। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल पूछताछ के वीडियो में जावेद ने मेडिकल से फरार होने की बात को नकारते हुए साफ कहा कि वार्ड पूरा खाली था, ऊपरी मंजिल पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। अनहोनी के डर से वह सीढ़ियां उतर नीचे पहुंचा और पैदल ही हाईवे की ओर निकल गया। इस दौरान उसे किसी ने नहीं रोका। उसने ट्रक से लिफ्ट ली और आराम से नरसिंहपुर पहुंच गया। ये खुलासा जबलपुर पुलिस पर सवालिया निशान लगा रहा है।

सीमाएं सील लेकिन जबलपुर पुलिस ने नहीं रोके वाहन

कोरोना संक्रमित जावेद खान ने पुलिस को बताया कि जब वह अस्पताल से नीचे उतरा तो उसे किसी ने नहीं रोका। इससे उसकी हिम्मत बढ़ी और वह पैदल ही हाईवे की ओर चल दिया। हाईवे पहुंचने पर उसे आयशर कंपनी का एक ट्रक मिला, जिससे लिफ्ट मांगने पर उसने ट्रक के पीछे बैठने की इजाजत दे दी। इसमें बैठकर करीब 4-5 बजे राजमार्ग पहुंच गया। यहां से वह करीब 7 बजे रायसेन-नरसिंहपुर की सीमा की ओर पैदल ही चल पड़ा। रात होने पर वह बीच रास्ते में जारी सड़क निर्माण की मिट्टी पर सो गया। सोमवार सुबह जल्दी उठकर वह फिर पैदल निकला और मदनपुर गांव पहुंचा। इसी दौरान उसकी नजर एक मकान के बाहर खड़ी हीरो होंडा पैशन एमपी 04 एमजे 4807 पर पड़ी। ये बाइक अनाज व्यापारी कमलेश पिता गणेश अग्रवाल की थी। जावेद ने इस बाइक को चोरी कर इंदौर की ओर रवानगी ली। हालांकि मदनपुर चेकपोस्ट के पहले ही उसकी बाइक बंद हो गई। लगातार स्टार्ट करने की कोशिश को देख चेकपोस्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों अभिषेक सोनी (पटवारी), राघवेन्द्र ठाकुर(पटवारी), घनश्याम चड़ार(कोटवार काचरकोना), प्रेमनारयाण मेहरा (कोटवार मदनपुर )  और वनरक्षक प्रिंस साहू को उस पर शक हो गया। जब उन्होंने पूछताछ की तो पहले जावेद ने अपना नाम योगेश बताया। लेकिन जब प्रिंस साहू ने उससे जावेद जैसा दिखने की बात कही तो वह हड़बड़ा गया और दबोचा गया।

शुक्रिया कहने के बजाय ऐंठ दिखाते रहे जबलपुर पुलिस के अधिकारी

जावेद को पकड़ने पर नरसिंहपुर पुलिस का शुक्रिया अदा करने के बजाय जबलपुर पुलिस के अधिकारी ऐंठ दिखाते नजर आए। सूचना देने के करीब एक घंटे बाद नरसिंहपुर पहुंचे जबलपुर पुलिस के एक अधिकारी का कहना था कि वे जावेद को तब तक नहीं ले जाएंगे, जब तक उनके एएसपी नहीं आ जाते। वहीं करीब दो घंटे इंतजार कराने के बाद जब एएसपी आए तो उन्होंने नरसिंहपुर पुलिस को बड़ी शान से जावेद को पकड़ने वालों को इनाम दिलाने नाम भिजवाने की बात गुरूर से कह दी। इस पर वहां मौजूद अधिकारियों ने जब उन्हें बताया कि सुरक्षाकर्मियों के लिए कलेक्टर पहले ही 10 लोगों को इनाम की घोषणा कर चुके हैं तो वे चुप रह गए।

कोरोना संक्रमित जावेद की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा किट में एएसपी राजेश तिवारी, एडीएम मनोज सिंह ठाकुर।
सुरक्षाकर्मी हो गए कोरंटाइन, 11-11 हजार का इनाम भी

मोस्ट वांटेड जावेद को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चेकपोस्ट के वारियर्स व पुलिसकर्मियों को सम्मानित करते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 11-11 हजार रुपए बतौर इनाम देने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही जावेद को पकड़ने में शामिल सुरक्षाकर्मियों को होम कोरंटाइन किया गया है।

जिले के अधिकारियों को था यकीन, नरसिंहपुर ही आएगा जावेद

जबलपुर पुलिस की लापरवाही से भागा जावेद इंदौर जाने के लिए नरसिंहपुर की सीमा में प्रवेश करेगा। इस बात का यकीन जिले के अधिकारियों था। इसलिए कलेक्टर दीपक सक्सेना, एसपी गुरुकरण ने सीमाओं पर चौकसी की जिम्मेदारी सबसे अनुभवी अधिकारियों एएसपी राजेश तिवारी और एडीएम मनोज सिंह ठाकुर को सौंप दी थी। दोनों अधिकारी दोपहर से लेकर पूरी रात जबलपुर से जुड़ी दोनों तरफ की सीमाओं की सघन जांच करते रहे। पल-पल की जानकारी लेकर सुरक्षाकर्मियों को चौकस रहने का निर्देश देते रहे। इसी सघन चौकसी का नतीजा रहा कि जावेद जिले की सीमा के भीतर ही धर-दबोचा गया।

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