भोपाल। संभागायुक्त श्री कियावत ने उपस्थित सभी उद्यान पर्यवेक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा किसी भी नगर की पहचान उसकी विशेषताओं से होती है। उनमें से एक पैमाना है उद्यानों का सुंदर होना।शहर के प्रत्येक जोन में दो आदर्श उद्यान बनाए जाएंगे। इस तरह भोपाल में कुल 38 उद्यानों को आदर्श उद्यानों के रूप में विकसित किया जाएगा। भोपाल शहर की जलवायु उद्यानों के लिए उत्तम है। इसकी सुंदरता बढ़ाने की कवायदों में शहर के उद्यानों को सुप्रबंधित रूप से विकसित किया जाना आवश्यक है।
नगर निगम के 19 जोन के उद्यान पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर संभागायुक्त और प्रशासक नगर निगम कवींद्र कियावत ने प्रत्येक जोन में 2 उद्यानों को विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय कार्य करने वाले तीन पर्यवेक्षकों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
शहर के उद्यानों को सुंदर बनाने और विकसित बनाने के लिए और आप सभी की व्यावसायिक दक्षता की कमी को दूर करने के लिए हार्टिकल्चर विभाग के समन्वय से यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। यहां से प्रशिक्षित होने के बाद आप दो प्रमुख भूमिका निभाएंगे। पहली भूमिका में आप अपने क्षेत्र में मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने मातहत उद्यान के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। दूसरी भूमिका के अंतर्गत प्रशिक्षण के बाद सभी उद्यान कर्मचारियों को अपनी कुशल निर्देशन में अगले 45 दिनों के भीतर कम से कम दो उद्यानों को विकसित करेंगे।
उद्यान के अंदर स्वयं की नर्सरी भी विकसित करें। उद्यान को इतना अच्छा तैयार करें जिससे आमजन अपने अपने घर में स्वयं के गार्डन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित हो और आपसे प्रशिक्षण लेने के लिए आए। उन्होंने उपस्थित नगर निगम के अधिकारियों को सेंट्रल नर्सरी को सक्षम बनाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा नर्सरी में हर प्रकार के पौधे, खाद एवं उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता रखें ताकि उद्यानों के लिए हमें बाहर से पौधे खरीदने की आवश्यकता ही ना पड़े।
गुलाब उद्यान शिवाजी नगर में संभागायुक्त के मार्गदर्शन में नगर निगम के उद्यान पर्यवेक्षको का 11 जून से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण में उद्यानिकी विशेषज्ञ एम एच सैफी ने शोभायमान उद्यानिकी का महत्व ,क्यारिया पौधे झाड़ियों लताओ और जल उद्यान तैयार करने की विधियां, मौसमी पुष्पों को लगाने की विधि ,रोपण तकनीक, प्रजाति अनुसार लगाने का उचित स्थान ,पौध संरक्षण ,झाड़ियों की विभिन्न बॉर्डर बनाना, कटाई,छटाई, डिजाइन, रखरखाव ,सिंचाई फर्टिलाइजेशन, पत्तियों की खाद आदि बनाना सिखाने के साथ सामयिक उद्यान विषयो पर चर्चा की गई।