ताज़ा खबरेंदेशविदेश बौद्ध विरासत पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी शुरू हुई, बौद्ध कला के पुरावशेषों को अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए एक मंच पर किया गया प्रस्तुत By Khabar Live 24 On Nov 30, 2020 0 Share उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में आयोजित शासनाध्यक्षों के एससीओ परिषद की 19वीं बैठक के दौरान साझी बौद्ध विरासत पर पहली एससीओ ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी की शुरुआत की। यह एससीओ ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी, एससीओ देशों के सक्रिय सहयोग से, राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली द्वारा पहली बार विकसित और क्यूरेट की गई है। प्रदर्शनी में 3-डी स्कैनिंग, वेबजीएल प्लेटफॉर्म, वर्चुअल स्पेस यूटीलाईजेशन, इनोवेटिव क्यूरेशन एंड नैरेशन मैथडेशन आदि जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी को https://nmvirtual.in/ के माध्यम से दुनिया भर में देखा जा सकता है। मध्य एशिया का बौद्ध दर्शन और कला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों को एक-दूसरे से जोड़ता है। यह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी आगंतुकों को एक ही मंच पर और आरामदायक माहौल में अपने घर से ही एससीओ देशों के बौद्ध कला के पुरावशेषों के अवलोकन, सराहना और तुलना करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रस्तुत करता है। वर्तमान महामारी के समय में इस तरह के बहुराष्ट्रीय ऑनलाइन प्रदर्शनी में विभिन्न समुदायों को जोड़ने, ठीक रखने और कायाकल्प करने की क्षमता है। इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले संस्थानों में राष्ट्रीय संग्रहालय (नई दिल्ली), भारतीय संग्रहालय (कोलकाता), कजाकिस्तान का राष्ट्रीय संग्रहालय, डुन हुआंग अकादमी (चीन), किर्गिज़ गणराज्य का राष्ट्रीय ऐतिहासिक संग्रहालय, पाकिस्तान के संग्रहालय, स्टेट ओरिएंटल आर्ट म्यूजियम, मास्को (रूस), राष्ट्रीय संग्रहालय और पुरावशेषों का राष्ट्रीय संग्रहालय, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल शामिल हैं। आगंतुक 3-डी आभासी प्रारूप में गांधार और मथुरा शैली, नालंदा, अमरावती, सारनाथ आदि के भारतीय बौद्ध संपदाओंको देख सकते हैं। पाकिस्तान हॉल में कराची, लाहौर, तक्षशिला, इस्लामाबाद, स्वात और पेशावर के संग्रहालयों से प्रभावशाली गंधार कला सामग्रियों के संग्रह के माध्यम से गौतम बुद्ध के जीवन और बौद्ध कला को दर्शाया गया है। इनमें सिद्धार्थ का उपवास और सीकरी से बुद्ध के पदचिह्न, सहरी बहलोई सेध्यानमग्न बुद्ध, गांधार से श्रावस्ती का चमत्कार आदि शामिल हैं। स्टेट ओरिएंटल आर्ट म्यूजियम, मॉस्को की 100 से अधिक वस्तुएं, रूस की बौद्ध बरियात कला को प्रतिरूपों, रीति-रिवाजों, मठों की परंपराओं आदि के माध्यम से दर्शाती हैं। डुन हुआंग एकेडमी ऑफ चाइना ने डुन हुआंगकी बौद्ध कला से जुड़ी एक समृद्ध डिजिटल संग्रह के माध्यम से इस प्रदर्शनी में अपना योगदान दिया। इस डिजिटल संग्रहमें शामिल हैं: सरल स्थापत्य, दीप्त भित्ति चित्र, सजावटी डिजाइन, वेशभूषा आदि। प्राचीन तर्मेज़, कराटेपा, फैयाजटेपा विरासत स्थलों के बौद्ध कला के चमत्कार उज्बेकिस्तान हॉल में देखे जा सकते हैं। प्रदर्शनी में कजाकिस्तान एवं किर्गिज़स्तान के विभिन्न विरासत स्थलों और संग्रहालयों से दुर्लभ बौद्ध कला वस्तुओं को भी दिखाया गया है। ताजिकिस्तान हॉल का मुख्य आकर्षण अजिना-टेपा से 13 मीटर लंबा लेटा हुआ ‘निर्वाण में बुद्ध’ है। ***.** एमजी/एएम/आर/एसएस (रिलीज़ आईडी: 1677210) आगंतुक पटल : 10 इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Tamil , Kannada , Malayalam International exhibition on Buddhist heritage startedthe antiquities of Buddhist art were presented on a platform using state-of-the-art techniques. 0 Share FacebookTwitterGoogle+ReddItWhatsAppPinterestEmail