नरसिंहपुर। जिले में डाइट प्राचार्य की कुर्सी संभाल रहीं जेएस विल्सन के खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर पर जल्द कोर्ट में चालान पेश होगा। उनके विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। वे जबलपुर में सहायक संचालक रहते हुए साढ़े 13 लाख रुपए के घोटाले में लिप्त पाई गईं हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं।
मामला वर्ष 2014-15 का है। इस अवधि में जेएस विल्सन जबलपुर में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सहायक संचालक पद कार्यरत थीं। इस दौरान उन्होंने राधा स्वामी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐठाखेड़ा जबलपुर के प्रबंधन के साथ मिलकर 52 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 13 लाख 44 हजार 730 रुपए की राशि हड़प ली थी। शिकायत के बाद जब जांच हुई तो पाया कि कूटरचित तरीके से छात्रवृत्ति की राशि में गबन किया गया है। प्रकरण की जांच के बाद 19 जून 2015 को जेएस विल्सन के विरुद्ध धोखाधड़ी, मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज बनाने समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420, 467, 471, 120बी, भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) एवं 7 (सी) आदि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की जांच ईओडब्लू के निरीक्षक स्वर्णजीत सिंह धामी कर रहे थे। करीब आठ साल पुराने प्रकरण में अवर सचिव ने जेएस विल्सन के खिलाफ ईओडब्लू को न्यायालय में चालान पेश करने के आदेश जारी कर दिए। इसकी जानकारी पत्र के जरिए कलेक्टर ऋजु बाफना और जिला शिक्षाधिकारी एचपी कुर्मी को भी भेजी गई है। सूत्रों के अनुसार ईओडब्लू की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जल्द ही कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। वहीं बता दें कि जेएस विल्सन ने नरसिंहपुर जिले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए भारी अनियमितता की थी। उन्होंने तबादले के लिए तो निलंबन-बहाली का अनूठा प्रयोग तक किया था। बहरहाल अवर सचिव स्तर से आए आदेश के बाद जिले के शिक्षा महकमे में खुशी और हड़कंप दोनों का माहौल है।