नरसिंहपुर पुलिस की सफलता ने कराया जबलपुर एसपी का तबादला, सिद्धार्थ बहुगुणा नए एसपी

कोरोना संक्रमित जावेद की गिरफ्तारी का मामला

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इंदौर के कोरोना संक्रमित और रासुका अभियुक्त जावेद खान से पूछताछ करते एसपी राजेश तिवारी और अपर कलेक्टर मनोज सिंह ठाकुर।

नरसिंहपुर। मेडिकल अस्पताल से दिनदहाड़े पुलिस की मौजूदगी में कोरोना संक्रमित और रासुका अभियुक्त जावेद खान के फरार हो जाने पर किरकिरी झेल रही जबलपुर पुलिस को तब और शर्मसार होना पड़ा जब जावेद खान नरसिंहपुर जिले की सीमा में पकड़ा गया। नरसिंहपुर पुलिस की चौकस व्यवस्था के कारण मिली इस सफलता के चलते पुलिस मुख्यालय ने जबलपुर एसपी अमित सिंह का तबादला मुख्यालय कर दिया है। इस आशय के आदेश सोमवार शाम को जारी कर दिए गए। इनके स्थान पर सिद्धार्थ बहुगुणा को नया एसपी बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार रासुका अभियुक्त और कोरोना संक्रमित इंदौर के जावेद खान के मामले में जबलपुर पुलिस के ढीले रवैये से डीजीपी मध्यप्रदेश समेत प्रदेश सरकार नाखुश थे। क्योंकि जिस तरह से कड़ी सुरक्षा के बावजूद जावेद खान मेडिकल अस्पताल से पैदल करीब 4 किमी तक हाइवे पर पंहुचा, फिर यहाँ से ट्रक में बैठकर नरसिंहपुर की सीमा में बिना जांच पड़ताल प्रवेश कर गया, उसे प्रदेश के अधिकारी एसपी अमित सिंह की चूक मान रहे थे। वे जावेद के मामले में जबलपुर एसपी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे थे।

दो पुलिस चौकी, चार थानों की पुलिस सोती रही

मेडिकल अस्पताल से हाइवे तक करीब ढाई किमी की दूरी है, जिसे जावेद ने पैदल चलकर पूरा किया। इस बीच मेडिकल पुलिस चौकी, गढ़ा थाना, धन्वंतरि पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात थे, लेकिन कोई भी दिन के उजाले में भी जावेद को पहचान नहीं पाया। जबकि उसका हुलिया और फोटो कुछ ही देर में वायरल हो चुके थे। वहीं हाइवे से नरसिंहपुर जिले की और जा रहे सब्जी के ट्रक में बैठने के बाद भेड़ाघाट, भिटौनी और बेलखेड़ा थाना पुलिस ने भी जावेद के प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। सीमाओं पर चौकसी नहीं बरती न ही किसी वाहन को चेक किया। नरसिंहपुर सीमा से लगे मेरेगांव चेक पोस्ट से भी सुरक्षाकर्मियों ने सभी वाहनों को बिना तलाशी जाने दिया। जबकि जबलपुर पुलिस के पास भरपूर समय था कि वह जरा सी चौकन्नी हो जाती तो नरसिंहपुर के पहले ही जावेद को धरदबोचती, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

इनाम में भी जबलपुर पुलिस को दी मात

जावेद के अस्पताल से फरार होने के बाद जबलपुर पुलिस ने मात्र 10 हजार का इनाम घोषित किया था। जबकि मामले को गंभीर मानते हुए प्रदेश के डीजीपी ने इनामी राशि 50 हजार घोषित की थी। दिलचस्प बात ये है कि जिस जावेद की जिम्मेदारी जबलपुर पुलिस की थी, उसके नरसिंहपुर में पकड़े जाने पर नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी डॉ गुरूकरण ने 10 सुरक्षाकर्मियों को अपने ही स्तर पर 11 -11 हजार रुपए के मान से एक लाख 10 हजार रुपए की इनामी राशि देने की घोषणा कर दी। जबकि जबलपुर पुलिस की और से इनामी राशि देने की बात सोमवार शाम तक जारी नहीं हुई।

1 Comment
  1. Ramkumar sahu says

    Nice

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