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नरसिंहपुर की जेल से पैरोल पर छूटे 67 कैदियों को मिली 120 दिन की अतिरिक्त छुट्टी, 200 कतार में

नरसिंहपुर । कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पैरोल पर गए कैदियों की छुटि्टयां बढ़ाई जा रहीं हैं। नरसिंहपुर के केंद्रीय जेल के पैरोल पर छूटे 67 कैदियों को जेल प्रशासन ने 120 दिन का अतिरिक्त आपातकालीन अवकाश प्रदान किया है। इन कैदियों की पैरोल अवधि 1 जून को खत्म हो रही थी, लेकिन अब इन्हें 1 अगस्त को जेल में आने कहा गया है।
दरअसल, केंद्रीय जेल अधीक्षक को मप्र शासन के जेल विभाग के उप सचिव मनोज खत्री का पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें कहा गया है जेल बंदी अधिनियम 1985 के अंतर्गत नए संशोधन के तहत प्राकृतिक आपदा और महामारी की दशा में जेल के बंदियों की संख्या को कम किया जाए। इसमें बंदी को एक बार में अधिकतम 120 दिवस के लिए आपात छुट्टी की पात्रता होगी। इस आदेश के बाद केंद्रीय जेल नरसिंहपुर में सजा काट रहे 67 कैदियों को नए संशोधन नियम का फायदा दिया गया है। इन कैदियों की पैरोल अवधि 1 को समाप्त हो रही थी। लेकिन अब इन्हें 120 दिन की आपात छुटि्टयां स्वीकृत कर दी गईं हैं। ये कैदी अपने-अपने घरों में रहकर नियमित रूप से मोबाइल के जरिए जेल प्रशासन को अपने बारे में सूचित करते रहेंगे। वहीं केंद्रीय जेल में कोर्ट के माध्यम से जमानत पर छूटे कैदियों की संख्या करीब 60 है। दूसरी ओर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे ऐसे कैदी जिनका आचरण अच्छा है, ऐसे करीब 200 लोगों के आवेदन आईजी जेल व कलेक्टर के समक्ष पेंडिंग हैं। जेल प्रशासन को उम्मीद है जल्द ही इन प्रकरणों का निराकरण हो जाएगा।
अभी 1040 कैदी जेल में
केंद्रीय जेल की विभिन्न् बैरकों में बंदियों को रखने की क्षमता करीब 1200 के लगभग है। पैरोल व जमानत पर छूटे कैदियों के बाद वर्तमान में यह संख्या घटकर 1040 के आसपास पहुंच गई है। जेल विभाग के नए नियम के तहत मौजूदा आपदा के दौर में ऐसे कैदी जिनका आचरण अच्छा रहा है, इन्हें अधिक से अधिक संख्या में पैरोल पर भेजने की तैयारी में है। ताकि बैरकों में रहने वाले कैदियों की संख्या कम की जा सके। जेल प्रशासन की कोशिश प्रत्येक बैरक में 20 कैदी रखने की है। जो कि वर्तमान क्षमता करीब 70 से बेहद कम होगी। इस संबंध में केंद्रीय जेल अधीक्षक शैफाली तिवारी का कहना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर शासन स्तर से कैदियों की पैरोल अवधि बढ़ाने का आदेश मिला है। इस पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। अच्छे आचरण वाले कैदियों को प्राथमिकता से पैरोल दिलाने की कोशिश हो रही है। जो पहले से पैरोल पर हैं, उनसे बोल दिया गया है कि आप 1 अगस्त को जेल में आएं। कैदियों की संख्या कम करने के पीछे मुख्य मकसद संक्रमण से सबका बचाव करना है।