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नरसिंहपुर।
केंद्रीय जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी को जिला दंडाधिकारी व कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शनिवार को शोकॉज नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर उन्होंने कोरोना संदिग्धों को जिले की सीमा में प्रवेश की अनुमति के लिए क्यों लेख किया है। सुश्री तिवारी से तीन दिन से अंदर जवाब चाहा गया है।
कलेक्टर द्वारा नोटिस में उल्लेख है कि जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी ने 11 अप्रैल को एसडीएम गाडरवारा से महिला प्रहरी चंदा तिवारी को उनकी बेटी रेखा तिवारी व नातिन प्राची को वाहन क्रमांक एमपी 04 सीवी 1319 सहित भोपाल से नरसिंहपुर जिले में प्रवेश की अनुमति देने लेख किया था। जबकि वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड- 19 के संक्रमण एवं बचाव के संबंध में धारा 144 के तहत सम्पूर्ण जिले को लॉक डाउन किया जाकर जिले की सीमाओं को सील किया गया है और कलेक्टर की अनुमति के बिना किसी भी व्यक्ति का जिले में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। भोपाल कोरोना वायरस से प्रभावित क्षेत्र है और कोरोना पीड़ित व्यक्तियों को एम्स में ही रखा गया है। ऐसे स्थिति में वहां से किसी भी व्यक्ति का जिले की सीमा में प्रवेश करना खतरनाक हो सकता है। केंद्रीय जेल अधीक्षक सुश्री शेफाली तिवारी ने अपने पद एवं प्रभाव का गलत प्रयोग कर जिला कलेक्टर एवं सक्षम अधिकारी को संज्ञान में लाये बगैर लॉक डाउन के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर 3 संदिग्ध व्यक्तियों को जिले की सीमा में प्रवेश कराया है, जिसमें श्रीमती चंदा तिवारी का विगत कुछ दिन पूर्व एम्स में इलाज होने की भी जानकारी है। उक्त व्यक्तियों के जिले में प्रवेश से कोरोना वायरस के संक्रमण की आंशका के मद्देनजर लोक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की स्थिति उत्पन्न् हो गई है। कलेक्टर ने सुश्री तिवारी के इस कृत्य को गैर जिम्मेदाराना व कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता व स्वेच्छाचारिता मानते हुए इसे मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के प्रावधानों के प्रतिकूल बताया है। चेतावनी दी गई कि क्यों ने आपके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 09 के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा जाए। कलेक्टर ने जेल अधीक्षक से तीन दिन के अंदर अपना जवाब देने को कहा है।