नरसिंहपुर: झारखंड सरकार के निर्णय के विरोध में जैन समाज का बंद
नरसिंहपुर। झारखंड राज्य स्थित जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर पर्वत को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किये जाने के निर्णय के विरोध में नरसिंहपुर जिला जैन समाज द्वारा मुख्यालय पर बंद एवं मौन जलूस निकाला गया जिसका सभी वर्ग,समाज, व संप्रदायों के साथ राजनैतिक दलो एवं विभिन्न संस्थाओं और लोगो का समर्थन रहा। कंदेली स्थित जैन मंदिर जी में विराजित आर्यिका 105 अनुनयमती माताजी के आर्शीवचन के उपरांत कंदेली स्थित जैन मंदिर से एक मौन जलूस मुख्यालय के विभिन्न मार्गो से होता हुआ निकाला गया। इस अभूतपूर्व जलूस में सभी वर्ग के लोगो ने सहभागिता देकर झारखंड सरकार के निर्णय के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुये सरकार के निर्णय की निंदा की। कंदेली स्थित जैन मंदिर में दोपहर 1:30 बजे से जिले भर से जैन अनुयायियों का आने का तांता लग गया। विराजित आर्यिका संघ ने आर्शीवचन में कहा कि धर्म रक्षा सर्वोपरी है और उसके आचरण के लिए तीर्थो की पवित्रता अत्यंत आवश्यक है। इस हेतु सभी जन आगे आकर गलत निर्णयों का विरोध करें। जिले भर से आयी जैन समाज के साथ अन्य वर्गो और संप्रदायों के लोगो ने आर्यिका संघ को श्रीफल भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त किया। दोपहर 2:30 बजे से जलूस प्रारंभ हुआ जो कंदेली स्थित जैन मंदिर से मुशरान पार्क, मेन रोड से होता हुआ सुभाष पार्क पहुंचा जहां पर उपस्थित जनसमुदाय को सभी वर्ग और संप्रदाय के लोगो ने जैन समाज की मांगो का समर्थन करते हुये झारखंड सरकार के निर्णय की आलोचना की। वहीं प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहपुर को सौंपा गया जिसमें उल्लेखित है कि झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के मुधवन में स्थित सम्मेद शिखर पर्वत पौराणिक काल से जैन धर्म के अनुयायियों का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थ क्षेत्र है। यहां पर प्रतिवर्ष करोड़ो अनुयायी पहुंचकर इस भवसागर से पार होने की कामना करते हैं। 27किमी. की इस कठिन पर्वत पर वंदना करने लोग जाते हैं। इतना ही नहीं स्थानीय जन आदिवासी व नागरिक इस पर्वत की पवित्रता को बनाये रखने के लिये निरंतर प्रयत्नशील और कार्य करते हैं। आस्था के इस तीर्थ क्षेत्र की पवित्रता को सैर-सपाटे और पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड सरकार ने पर्वत क्षेत्र को पर्यटक स्थल घोषित किया है इससे आने वाले समय में अनेक विसंगति व कठिनाईयां उत्पन्न होगी जो अहिंसा और शांति प्रेमी जैन समाज के लिए अत्यंत पीड़ादायक होगी। ज्ञापन में प्रधानमंत्री महोदय से मांग की गई है कि जैन धर्म के इस पर्वत को पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाये और जैन समाज की मान्यताओं धार्मिक विश्वास और आस्था को संरक्षण प्रदान करने की मांग केन्द्र सरकार से की गई है। धार्मिक अल्पसंख्यक जैन समाज संविधान की धारा 29 के अंतर्गत जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने के लिये हर संभव प्रयास की मांग की गई है।
जैन समाज द्वारा जिला बंद एवं मौन जलूस का नगर व जिले में अभूतपूर्व समर्थन सर्व समाज द्वारा मिला। जिला मुख्यालय पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम के जलूस अनुशासित ढंग और शांतिप्रिय तरीके से निकाला गया। जिससे सभी वर्ग, समाज, संप्रदाय और व्यापारियो व संस्था एवं राजनैतिक दलो द्वारा समर्थन दिया गया। वहीं जनसामान्य ने जलूस के लिए व्यवस्थायें भी की। जिससे समाज में सर्वधर्म सद्भावना का संदेश गया।
जिले भर के जैन अनुयायी जुटे
उक्त प्रदर्शन में भाग लेने के लिये नरसिंहपुर नगर के अलावा गाडरवारा, करेली, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, सिहोरा बोहानी, करकबेल, कमोद, गांगई, चीचली, सांईखेड़ा, कल्याणपुर, बगासपुर, खमरिया, ठेमी, बम्होरी, आमगांव, डोभी, राजमार्ग, बरमान, बिलेहरा, सगौरिया, छीतापार, सांईखेड़ा, कल्याणपुर के अलावा अन्य स्थानों से जैन बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। जिसमें बच्चो एवं महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। बाहर से आये अतिथिजनो का नरसिंहपुर जैन समाज द्वारा भंडारे में आतिथ्य स्वीकार किया गया।
जिला जैन समाज ने आभार व्यक्त किया
नरसिंहपुर में जैन समाज द्वारा आयोजित आंदोलन में सहभागिता के लिये सभी लोगो, वर्गो, समाज, संप्रदायो, व्यापारियो, राजनैतिक दलो, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगरपालिका प्रशासन व अन्य का आभार व्यक्त किया।