तीर्थ स्थल की पवित्रता को लेकर जैन समाज ने ज्ञापन सौंपा
नरसिंहपुर। स्थानीय जैन समाज ने जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी की पहाड़ी की पवित्रता और सुचिता को बनाये रखने के लिये एक ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित किया है। उक्त ज्ञापन में उल्लेखित है कि झारखंड राज्य के गिरिड़ीह जिले के मधुवन पर्वत में स्थित श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ी का भारतीय परंपरा और संस्कृति में पौराणिक काल से महत्व है। जैन धर्म के बीस तीर्थंकर इस पहाड़ी से निर्वांण को प्राप्त हुये हैं। साल के बारह महिनों में विश्व भर के लाखो जैन तीर्थ यात्री श्रृद्धा भाव के साथ व्रत धारण कर नंगे पैर और शुद्ध सूती वस्त्रों को शरीर में धारण कर इस पर्वत की यात्रा इस भवसागर से पार होने के भाव से करते हैं। स्थानीय आदिवासी व नागरिक इस पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखना अपना परम कर्तव्य समझते हैं लेकिन कुछ महिनों से देखा जा रहा है कि इस पावन तीर्थ स्थल की पवित्रता और सुचिता को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। श्रृद्धा और आस्था के केन्द्र को पिकनिक और सैर सपाटे के रूप में लिया जा रहा है। इतना ही नहीं इस पवित्र पहाड़ी पर मांसाहार और शराब का सेवन करते हुये भी कुछ लोग पाये गये जो जैन धर्म के अहिंसा और जियो और जीने दो के सिद्धांत के खिलाफ है। इन घटनाओं के कारण जैन समाज में आक्रोश व्याप्त है उक्त ज्ञापन में सम्मेद शिखर जी पहाड़ी की पवित्रता बनाये रखने के लिये केन्द्र व राज्य सरकार से उचित संरक्षण प्रदान करने की मांग की गई है। ज्ञापन सौंपने के अवसर पर जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।