भोपाल : प्रदेश की ग्रामीण आबादी को उनके घर में ही पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। जहाँ जलस्त्रोत हैं, वहाँ उनका समुचित उपयोग कर आसपास के ग्रामीण रहवासियों को पेयजल प्रदाय किया जायेगा। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्त्रोत नहीं हैं वहाँ यह निर्मित किए जायेंगे। कोई भी ग्रामीण रहवासी पेयजल के लिए परेशान नहीं हो यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम द्वारा भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिले में अब तक एक हजार 254 करोड़ 70 लाख 17 हजार रूपये लागत की 2279 जल-प्रदाय योजनाओं पर विभाग के मैदानी अमले द्वारा जल जीवन मिशन के मापदण्डों के अनुसार कार्य प्रारंभ किये गये हैं। दोनों संभाग के 987 ग्रामों में शत-प्रतिशत परिवारों को नल कनेक्शन से जल पहुँचाया जा चुका हैं। इसमें भोपाल संभाग के 639 और नर्मदापुरम संभाग के 348 गांव शामिल हैं।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन में प्रदेश की समग्र ग्रामीण आबादी को घरेलू नल कनेक्शन से पेयजल की आपूर्ति किए जाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम द्वारा जल संरचनाओं की स्थापना एवं विस्तार के कार्य किए जा रहे हैं। इनमें भोपाल जिले की 170, विदिशा 297, रायसेन 264, सीहोर 231, राजगढ़ 145, नर्मदापुरम 423, हरदा 252 और बैतूल जिले की 497 जलसंरचनायें शामिल हैं। इन जिलों के विभिन्न ग्रामों में पूर्व से निर्मित पेयजल अधो-संरचनाओं को नये सिरे से तैयार कर रेट्रोफिटिंग के अन्तर्गत भी कार्य किए जा रहे हैं।