नरसिंहपुर। श्रीश्री बाबाश्री के परमकृपा पात्र शिष्य नर्मदा भक्त ,गोसेवक,पर्यावरण प्रेमी ,पूर्व राज्यमंत्री व नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटैल ने अपना जीवन का हर पल जन-जन के लिए उनकी सहायता के लिए जनसेवा में अर्पित कर दिया है। श्री पटेल के न सिर्फ उनकी विधानसभा क्षेत्र के लोग बल्कि नरसिंहपुर होशंगावाद, रायसेन, सागर दमोह जिला सहित प्रदेश के अन्य कई जिलो में उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर लोग उनके प्रसंशक बने हुए हैं। विकास के पर्याप्त बने श्री पटेल की सबसे बड़ी उपलब्धि हाल में चिनकी बांध को निरस्त कराकर 1400 सौ करोड़ की जगह 4400 करोड़ की माइक्रो जल उद्वहन विशाल परियोजना स्वीकृत कराने की है। इसके अंतर्गत नर्मदा नदी पर दो छोटे स्टॉपडेम के साथ नर्मदा के 50 विभिन्न् स्थानों से वाटरलिफ्टिंग प्लांट को बनाकर जबलपुर दमोह, सागर, नरसिंहपुर, रायसेन होशंगाबाद आदि जिलों के किसानों के खेतों तक भरपूर पानी पहुंचाना लक्ष्य है। साथ ही गाडरवारा के हथनापुर में शक्कर नदी पर बांध स्वीकृत कराकर गाडरवारा सहित आसपास के अन्य जिलो के किसानों के लिए भी भरपूर पानी उपलब्ध कराए जाने हेतु आपके प्रयास सफल रहे। वहीं लोधी-लोधा प्रगतिशील क्षत्रिय समाज के बतौर प्रदेश अध्यक्ष आपने समाज के लोगो के उत्थान के लिए काफी सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मागांधी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, रानी अबंतीवाई लोधी, पं. अटलविहारी बाजपेई आदि महापुरूषों की प्रतिमाओं का लोकार्पण आपके अग्रज केंद्रीय मंत्री प्रहलादसिंह पटैल द्वारा बड़ी संख्या मंे प्रतिमा स्थापित कराया जाकर उनके कर कमलों से लोकार्पण कराया गया। जिससे कि आमजन को इन महापुरूषों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा मिल सके।
जालम सिंह को क्षेत्र में मुन्ना भैया या छोटे भैया के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में 10 मार्च 1964 को प्रसिद्ध समाज सेवी व किसान मुलायम सिंह जी पटेल के घर हुआ। वे कुल तीन भाई हैं। बचपन से ही पारिवारिक पृष्ठिभूमि के चलते कृषि कार्यों में इनकी बहुत दिलचस्पी रही। पिता जी द्वारा सभी विधाओं में पारंगत कराने का संकल्प भी पूरा हुआ तथा अपने दो भाइयों के साथ ही इन्हें सभी प्रकार की शिक्षा उपलब्ध हुई। समाज सेवी, क्रांतिकारी व परोपकारी विचारों में ओतप्रोत श्री पटेल क्षेत्र में अपनी पृथक पहचान बना चुके हैं। जबलपुर स्थित प्रसिद्ध साइंस कालेज से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की तथा बीएससी की उपाधि हासिल की। छात्र जीवन से ही खेलकूद में अत्याधिक रूचि लेने के कारण खेलजगत से उनका बहुत आत्मीय रिश्ता रहा। वे स्वंय वालीबाल, क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो, फुटबाल, हाकी, भाला फेक, चकती फेंक, ऊॅची कूद आदि में स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी एवं जिले व संभाग का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अखिल भारत स्तरीय खेलकूद प्रतियोगितायें जो कि सहयोग क्रीड़ा मंडल आयोजित कराता है, उनमें भी आपने अति सक्रिय होकर अध्यक्ष पद का सफलतम निर्वहन किया। वह अपने गृह क्षेत्र कृषि उपज मंडी गोटेगांव में मंडी अध्यक्ष रह चुके हैं। मंडी चुनाव में इन्होने म.प्र. में सबसे अधिक रिकार्ड वोटों से जीता था। अध्यक्ष रहते इन्हांेने मंडी के इतिहास में प्रथम बार अनेक कल्याणकारी योजनायें चलायी, जो कि हम्माल भाइयों, किसानों, कर्मचारियों, नाकेदारों तथा व्यापारियों को लाभदायक रही हैं। नवीन मंडी का निर्माण किया गया। तत्कालीन विधायक के विरोध के बाबजूद भी इन्होंने लगभग 1 करोड 50 लाख रूपयों के निर्माण कार्य करवाए। इलेक्ट्रानिक तौल कांटे व धर्मकांटों से तौल भी इन्ही के प्रयासों से आरंभ किए गएजिससे किसान एवं व्यापारी दोनों खुश हुए। उस समय की राज्य सरकार ने भी पटैल के कार्यों को सराहा था तथा मंडी समिति को बी-ग्रेड में तृतीय नंबर पर आय अर्जित करने के उपरांत एक शील्ड व प्रशस्ति पत्र दिया गया था। अल्प समय में ही इन उपलब्धियों को हासिल करना निश्चित ही आपकी नेतृत्व कला, उचित प्रबंधन व कुशल राजनैतिक क्षमता की पुष्टि करते हैं।
सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में सक्रियता जालम सिंह पटैल नरसिंहपुर से प्रथम बार 2003 में विधायक चुने गए। दूसरी वार 2013 नरसिहंपुर से ही विधायक चुने गए, जिसमें उन्होंने 50 हजार मतों से विजयश्री प्राप्त की। 2018 में तीसरी बार जिले से एक मात्र भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुने गए। अपने परम आराध्य श्री बाबा श्री के आशीर्वाद से प्रेरित होकर इन्होंने आजीवन निर्विकार पथ पर रहने का संकल्प लिया तथा आहार, आचार विचार एवं कर्मो से सात्विक प्रवृति एवं प्रकृति उनके दैनिक जीवन का अभिन्न् हिस्सा बना लिया।
अपने मझले भाई एवं प्रसिद्ध राजनेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री, दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटैल के पदचिन्हों पर चलते हुएवे वे भी उन्ही की तरह मिसाल पेश करना चाहते हैं।
आलेख: कौशलेन्द्र पटेल जाट