नरसिंहपुर। जीएसटी विभाग की एंटी इवेजन ब्यूरो टीम ने बुधवार को गोटेगांव जनपद अध्यक्ष व निर्माण ठेकेदार संतोष दुबे से उन्हीं के खाते में बतौर अमानत 5 लाख रुपये जमा कराए हैं। उन्हें 24 फरवरी को जीएसटी के मुख्यालय पहुंचकर खरीदी से संबंधित शेष पक्के बिलों को पेश करने कहा है।
बुधवार को जीएसटी विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर सुनील मिश्रा के निर्देशन में 12 सदस्यीय जीएसटी एंटी इवेजन ब्यूरो मप्र की टीम ने गोटेगांव व कमोदी स्थित जनपद अध्यक्ष व ठेकेदार संतोष दुबे के घर पर दबिश दी थी। ब्यूरो के पास ऐसी जानकारी थी कि जो निर्माण सामग्री खरीदी गई है, उसका जीएसटी रिटर्न जमा नहीं किया गया है। इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट न होने के कारण बिलों के मिलान, जीएसटी की अदायगी के संबंध में श्री दुबे ने टीम से समय मांगा, जिसे सशर्त स्वीकार कर लिया गया। टीम ने पक्के बिल पेश करने के लिए श्री दुबे को 24 फरवरी तक का वक्त दिया है। इसके एवज में पांच लाख रुपये की राशि बतौर अमानत श्री दुबे के जीएसटी खाते में जमा कराई गई है। इस मामले में ज्वाइंट कमिश्नर सुनील मिश्रा का कहना था कि ये यदि 24 फरवरी तक संबंधित व्यक्ति पक्के बिल पेश कर देता है तो उनसे जमा कराई गई राशि वापस कर दी जाएगी। उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि ये कार्रवाई टैक्स चोरी से संबंधित नहीं, बल्कि खरीदे गए सामानों का जीएसटी रिटर्न जमा न होने के चलते की गई है।