जिला अस्पताल में केंद्र सरकार की योजनानुसार भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संगठन यानी डीआरडीओ द्वारा प्रति मिनट एक हजार लीटर आक्सीजन उत्पादित करने वाला प्लांट स्वीकृत किया गया था। पिछले एक माह से इस प्लांट को स्थापित करने के लिए भोपाल-दिल्ली आदि जगहों की टीम मुस्तैदी से काम कर रही थी। प्लांट के लिए जरूरी कलपुर्जे समेत अस्पताल के बिस्तरों तक आक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन आदि सभी पिछले हफ्तेभर पहले ही बिछाई जा चुकी है। प्लांट को शुरू करने के लिए जरूरत एक बड़े बिजली के ट्रांसफॉर्मर की थी, जिसे भी स्थापित किया जा चुका है। बावजूद इसके प्लांट को शुरू करने के लिए भोपाल की तकनीकी टीम सिर्फ इसलिए जिला अस्पताल नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि ट्रांसफॉर्मर से सप्लाई होने वाले करंट की टेस्टिंग अभी तक नहीं हुई है।
टेस्टिंग होते ही दो दिन में शुरू होगा प्लांट: जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए बड़े पैमाने पर बिजली की खपत होगी। इसके लिए जो ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है, उससे होने वाली बिजली की आपूर्ति सतत और सुरक्षित है, इसका प्रमाण पत्र बिजली विभाग को देना है। बताया जा रहा है कि ट्रांसफॉर्मर लगने के बाद बिजली विभाग की एक सिक्योरिटी टीम को यहां पर करंट की टेस्टिंग करने के लिए आना था, जो अब तक नहीं आई है। तीन-चार दिन पहले बिजली विभाग की हड़ताल तो वहीं साप्ताहिक व अन्य अवकाशों के कारण बिजली विभाग सिक्योरिटी टीम को यहां नहीं भेज पा रहा है। जानकारों के अनुसार यदि करंट की टेस्टिंग हो जाती है और विद्युत आपूर्ति को सुरक्षित घोषित कर दिया जाता है तो इसके दो दिन के भीतर ही प्लांट आक्सीजन उत्पादित करना शुरू कर सकता है। टेस्टिंग होते ही हम भोपाल में बैठे तकनीकी विशेषज्ञों को इस बारे में सूचित करेंगे। जिसके बाद वे यहां आकर प्लांट की टेस्टिंग कर इसे शुरू कर देंगे।
400 लीटर वाले संयंत्र को तेंदूखेड़ा भेजने की तैयारी
जिला अस्पताल में डीआरडीओ के संयंत्र के पहले प्रदेश की एक रोडवेज कंपनी के मातहत 400 लीटर प्रति मिनट का आक्सीजन प्लांट प्रस्तावित था। इसके लिए ट्रामा सेंटर के ठीक बाजू से प्लांट के लिए कंक्रीट की संरचना भी तैयार कर ली गई थी। पाइपलाइन भी बिछाने का काम शुरू हो गया था। करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्लांट का काम शुरू भी नहीं हुआ था कि यहां पर डीआरडीओ का नया प्लांट स्वीकृत होकर स्थापित भी हो गया। ऐसे में 400 लीटर वाले संयंत्र को कहां स्थापित किया जाए, इसे लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर मंथन जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस संयंत्र को तेंदूखेड़ा या रौसरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मंे स्थापित किए जाने के प्रबल आसार हैं। जल्द ही इसकी स्थापना को लेकर निर्णय भी हो जाएगा।
इनका ये है कहना
जिला अस्पताल में डीआरडीओ का आक्सीजन प्लांट बनकर तैयार है। बिजली आपूर्ति करने के लिए ट्रांसफॉर्मर भी स्थापित हो चुका है लेकिन बिजली लाइनों, करंट की टेस्टिंग करने वाली सिक्योरिटी टीम अब तक नहीं पहुंची है। बिजली विभाग जब तारों, करंट की टेस्टिंग कर देगा, उसके दो-तीन दिन में प्लांट भी शुरू हो जाएगा। देखते हैं कब तक बिजली विभाग की टीम आती है। हम तो उनसे लगातार आग्रह कर रहे हैं।
डॉ. मुकेश जैन, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नरसिंहपुर।