नरसिंहपुर। जिला अस्पताल में ट्यूबर कुलोसिस यानी टीवी टीबी रोग से ग्रस्त महिला की मौत के बाद परिवार के एक सदस्य ने चिकित्सक प्रणव सेन को केबिन में घुसकर जमकर मारापीटा।
बामुश्किल वे अपने आप को बचा पाए। इसके बाद उपद्रवी ने अस्पताल की गैलरी में जमकर तांडव मचाया। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका के पति को गिरफ्तार कर लिया। ये जानकारी लगते ही युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गए और वे मृतक के परिजनों के साथ हंगामा करने लगे। शव को सड़क पर रखकर उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि दोषी डॉक्टर (मारपीट के शिकार डॉ. प्रणव सेन) के खिलाफ उचित इलाज न देने का मामला कायम किया जाए।
जानकारी के अनुसार सोमवार तड़के करेली के सुभाष वार्ड निवासी रेखा पति विनोद ठाकुर (42) को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर कर जिला अस्पताल लाया गया था। चिकित्सकों के अनुसार भर्ती के वक्त रेखा ठाकुर का हीमोग्लोबिन 2 फीसद ही रह गया था। इसे देखते हुए उन्हें सुबह 5 बजे इंजेक्शन आदि लगाकर इलाज दिया गया। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे रेखा की मौत हो गई। मृतक के एक रिश्तेदार ने उचित इलाज न मिलने का आरोप लगाकर ड्यूटी पर तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रणव सेन के केबिन में घुसकर मारपीट कर दी। केबिन के बाहर तांडव मचाया, अन्य मरीजों के स्वजन से धक्का-मुक्की की। ये पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि डॉक्टर केबिन में अकेले थे, जैसे ही उन्हें उपद्रव की भनक लगी तो वे दरवाजा बंद करने लगे लेकिन मृतक के स्वजन ने केबिन में घुसकर उनके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद गुस्साए चिकित्सक अस्पताल से बाहर निकल आए और सीधे थाने जाकर मुकदमा कायम करा दिया। पुलिस ने इस घटना के दौरान मौके पर मौजूद मृतका के पति को हिरासत में ले लिया।
युकां ने किया प्रदर्शन: डॉक्टर प्रणव सेन से मारपीट के मामले में मृतका के पति विनोद के हिरासत में जाने के बाद युवक कांग्रेस के सदस्यों ने जिला अस्पताल में पहुंचकर प्रदर्शन, चिकित्सकों, पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि पुलिस पहले शव का अंतिम संस्कार हो जाने दे उसके बाद चाहे तो आरोपी को गिरफ्तार कर ले। इस दौरान उनकी सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल से भी बहस हुई। शाम करीब साढ़े 6 बजे अस्पताल में कोतवाली टीआइ मृतका के पति को लेकर पहुंचे। साथ में एसडीएम राधेश्याम बघेल भी थे। उन्होंने प्रदर्शन खत्म करने कहा लेकिन युकां कार्यकर्ता इलाज में लापरवाही बरतने के लिए डॉक्टर पर एफआइआर की मांग पर अड़े रहे। हालांकि एसडीएम की सख्ती व समझाइश के बाद करीब साढ़े 7 बजे स्वजन शव को घर ले जाने पर राजी हो गए।
इनका ये है कहनायदि डॉक्टर ने सही इलाज नहीं किया तो इसकी शिकायत होनी थी, जांच की जाती। केबिन में किसी सरकारी चिकित्सक के साथ मारपीट की इजाजत उपद्रवियों को आखिर किसने दी। हमने गैर जमानती धाराओं के तहत आरोपित पर मामला दर्ज किया है। डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट भी लगाया गया है। प्रदर्शन के वीडियो भी हम देख रहे हैं।राधेश्याम बघेल, एसडीएम नरसिंहपुर।