शनिवार दोपहर कलेक्टर वेदप्रकाश ने गाडरवारा पहुंचकर यहां पर किसान व व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसका उद्देश्य सिर्फ इतना था कि गाडरवारा की तुअर दाल की ब्रांडिंग कैसे की जाए कि किसानों और मिल मालिकों को इसका वास्तविक लाभ पहुंच सके। कलेक्टर के इस न्यौते का असर ये रहा कि बड़ी संख्या में किसान और मिलों के प्रतिनिधि इस बैठक में समय के पहले पहुंच गए। उनके उत्साह को देखकर कलेक्टर भी हतप्रभ रहे। यहां उन्होंने एक जिला एक उत्पाद के लक्ष्य को इंगित करते हुए किसानों व व्यापारियों से उनके सुझाव मांगे। सभी ने अपनी समस्याओं के साथ-साथ उत्पादन, विक्रय आदि के तौर तरीकों से कलेक्टर को अवगत कराया। वेदप्रकाश ने सबकी बातों को सुनने के बाद कहा कि आपका उत्पाद भले ही वर्तमान में जिला, प्रदेश और देश के विभिन्न् स्थानों में निर्यात किया जाता हो लेकिन इसकी ब्रांडिंग न होने के कारण आपको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्री वेदप्रकाश ने सभी को बताया कि जिला प्रशासन इस माह एक ऐसा सेमिनार आयोजित कर रहा है जिसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड स्पेशलिस्ट सहभागी बनकर आपको अपने उत्पाद की ब्रांडिंग, पैकेजिंग के तौर-तरीके सिखाएंगे। कलेक्टर ने उनसे ये भी कहा कि जब आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग और आकर्षक पैकेजिंग करेंगे तो निश्चित तौर पर उनकी मांग बढ़ेगी। मांग और आपूर्ति का तालमेल उनकी आय को बढ़ाएगा। कलेक्टर के प्रस्ताव और उसकी आगामी योजनाओं से उत्साहित होकर किसानों और व्यापारियों ने हरसंभव कोशिशों और समर्थन का वादा किया।
मार्केटिंग के लिए ये है योजना
कलेक्टर वेदप्रकाश ने बताया कि एक जिला दो उत्पाद के सिद्धांत पर काम करते हुए वे सबसे पहले तुअर दाल को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके अनुसार गाडरवारा की तुअर दाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके, इसके लिए वे एक विशेष क्लस्टर पर काम कर रहे हैं। इस क्लस्टर के अंतर्गत फूड सेफ्टी के साथ ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि से संबंधित विशेषज्ञों का मशविरा लिया जाएगा। उनके बनाए प्रपोजल पर गाडरवारा की दाल को प्रमोट करने का काम होगा। श्री वेदप्रकाश के अनुसार इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे किसानों को निश्चित आय के मुकाबले अधिक आय मिलेगी। व्यापारियों को दाल निर्यात के अधिक ऑर्डर मिलेंगे, जो कि जिले में रोजगार की संभावनाओं को प्रोत्साहन देंगे। श्री वेदप्रकाश के अनुसार सेमिनार के बाद जरूरत के हिसाब के आगामी कार्ययोजनाएं तैयार होंगी।
गुड़ को लेकर योजना अगले चरण में
जिले के गुड़ उद्योग के उन्न्यन के लिए भी कलेक्टर ने विस्तृत योजना बना रखी है। उनके अनुसार जिले के कुल्हौल में बनने वाले गुड़ का स्वाद अन्य जिलों के मुकाबले अलग रहता है। उनकी कोशिश है कि इस लघु उद्योग को बढ़ावा दिया जाए ताकि अधिकतम लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके। इसकी ब्रांडिंग और पैकेजिंग को लेकर विशेषज्ञों से बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि अगले सीजन के पहले तक इसे मूर्तरूप दिया जाएगा।
गाडरवारा में बैठक के पूर्व कलेक्टर वेदप्रकाश ने बोहानी में स्वसहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे वर्मीकंपोस्ट यूनिट का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने समूह की महिलाओं से सीधी बात की। उनके क्रियाकलापों और अनुभवों के बारे में जाना। इसके साथ ही कलेक्टर ने महिलाओं से आत्मनिर्भरता के संसाधन विकसित करने पर चर्चा की। कलेक्टर को अपने बीच पाकर समूह की महिलाएं उत्साहित नजर आईं।