करेली। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल है। लोग चिकित्सकीय संसाधनों की ओर अंधी दौड़ लगाए हुए हैं। ऐसे में आशा की किरण बने और अपने सुदीर्घ अनुभवों से लोगों को सहज उपचार उपलब्ध करा रहे, नगर के वरिष्ठ व समाजसेवी चिकित्सक डॉ विश्वनाथ सोनी निरंतर मरीजों की सेवा कर रहे हैं और उनके दर्द के लिए मरहम बने हैं। महामारी के बीच जहां कई निजी चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए हैं और मरीजों को देखने से परहेज कर रहे हैं। डॉक्टर विश्वनाथ सोनी पीडि़त मानवता की सेवा में तत्पर नजर आते हैं। डॉ. विश्वनाथ लोगों के लिए बड़ा सहारा बने हुए हैं। न केवल करेली बल्कि सागर जिले के देवरी महाराजपुर, उदयपुरा, बरेली, गाडरवारा पिपरिया आदि जगहों से भी लोग उनके पास अपने उपचार के लिए आ रहे हैं। सुबह अपने क्लीनिक पर पहुंचना और रात तक लगातार मरीजों को देखना, उन्होंनेे अपनी दिनचर्या बना ली है। इन दिनों उनके क्लीनिक पर सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में मरीजों की मौजूदगी बनी रहती है। डॉ सोनी का कहना है कि उन्होंने डॉक्टरी का पेशा ही पीडि़त मानवता की सेवा के लिए चुना था और अब जबकि लोगों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है वह अपने कर्तव्य से कैसे विमुख हो सकते हैं। उनका कहना है कि वह प्रदीप के उस गीत को अपने ध्यान में रखकर सेवा कर रहे हैं जिसमें उन्होंने संदेश दिया था कि सूरज रे जलते रहना करोड़ों की जिंदगी के लिए। डॉ सोनी ने मरीजों व उनके परिजनों को संदेश दिया है कि डरें नहीं, आत्मविश्वास रखें, कोरोना से डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। धैर्य रखें, आत्म बल रखें और नियमित दवाओं का सेवन करें और अपने आप को आइसोलेशन में रखें। आत्म बल और दवाओं से इस महामारी से जीतना बहुत आसान है। उनका कहना है कि लोग रेमडिसीवर इंजेक्शन के पीछे न भागे, अधिकांश मरीजों को उसकी जरूरत नहीं है। लोग डर के कारण रेमडिसीवर के पीछे भाग रहे हैं जबकि समय पर जांच कराने व दवा लेने से ही मरीज ठीक हो जाते हैं। लोगों में भय है इसलिए रैमडिसिविर इंजेक्शन के पीछे अंधी दौड़ लगी हुई है, जबकि डब्ल्यूएचओ ने भी प्रमाणित कर दिया है कि यह कोविड-19 में कारगर नहीं है। लोगों को डरने की बजाय संयम से काम लेना चाहिए वही कारगर है। डॉ सोनी अब तक लगभग हजारों मरीजों को ठीक कर चुके हैं, जिसमें एक भी कैजुअल्टी शामिल नहीं है। उम्र की वरिष्ठता के बाद भी डॉ सोनी प्रतिदिन निरंतर सैकड़ों मरीजों का इलाज कर रहे हैं और डॉ भगवान का रूप होता है, इस उक्ति को चरितार्थ कर रहे हैं।