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करेली: उम्र 76 की लेकिन जोश युवाओं जैसा, संक्रमणकाल में मरीजों का आत्मबल बढ़ा रहे डॉ. विश्वनाथ सोनी

करेली। नगर के वरिष्ठ चिकित्सक क्लीनिक पर इलाज दौरान।

मनीष सोनी
करेली। कोविड के संकटकाल में जब कई निजी चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद कर मरीजों से दूरी बना ली है, ऐसे में नगर के वरिष्ठ चिकित्सक विश्वनाथ सोनी न केवल मरीजों का किफायती इलाज कर रहे है बल्कि वे उनका आत्मबल भी बढ़ा रहे हैं। खास बात ये है कि डॉ. सोनी की उम्र 76 साल से अधिक हो चुकी है लेकिन काम करने का जज्बा उनमें युवाओं जैसा है।
नगर में डॉ. सोनी करीब 45 वर्षो से चिकित्सीय कार्य कर रहे हैं जो करीब 76 वर्ष होने के बाद भी पूरी निष्ठा के साथ मरीजों का इलाज कर उन्हें स्वस्थ्य बना रहे है। खास यह है कि जहां कई निजी अस्पतालों में संकटकाल को देखते हुए इलाज महंगा हो गया है वहीं डॉ. सोनी मरीजों को सस्ता इलाज उपलब्ध करा रहे है। कई मरीज तो ऐसे भी होते है जिनके लिए वह स्वयं की ओर से दवाईयां भ्ाी देते है ताकि कोई मरीज उनके पास से निराश होकर न लौटे। उनके इसी सेवाभाव के कारण उनसे इलाज कराने विभिन्न् स्थानों से मरीज पहुंच रहे हैं। हर दिन 100 से 150 मरीजों की जांच कर उनकी समस्या सुनना और उसका निराकरण करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बना है। वे मरीजों व उनके परिजनों से कहते है कि डरें नहीं, आत्मबल रखें। कोरोना से डरने-घबराने की जरुरत नहीं है। नियमित दवाईयों के साथ पौष्टिक भोजन करें। अपने आपको आइसोलेशन में रखे। आत्मबल और सही समय पर जांच कराने, दवाईयां लेने से इस महामारी से जीता जा सकता है। उनका कहना है कि लोग रेमडिसीवर इंजेक्शन के पीछे न भागे, अधिकांश मरीजों को उसकी जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने भी प्रमाणित कर दिया है कि यह कोविड-19 में कारगर नहीं है। लोगों को डरने की बजाय संयम से काम लेना चाहिए वही कारगर है। डॉ सोनी अब तक लगभग हजारों मरीजों को ठीक कर चुके हैं, जिसमें एक भी कैजुअल्टी शामिल नहीं है। मरीजों की सेवा के कार्य मंे उनके बेटे डॉ शिरीष के साथ स्टाफ नर्स संतोषी भी निरंतर मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं।