मंगलवार को जौहरिया ग्राम पंचायत में पहुंचे आरआइ जगत सिंह ठाकुर व पटवारी कमलेश तिवारी ने एक रकबे के सीमांकन के लिए आसपास के 7 खाताधारकों को कोटवार के जरिए नोटिस देकर बुलवाया। इसमें एक खाताधारक ऐसी भी थी जिसके पति की मौत हुए एक माह भी नहीं हुआ, जबकि मृतक का छोटा भाई हाल ही में कोरोना से ठीक होकर घर पहुंचा था। जैसे ही ये बात अन्य ग्रामीणों को लगी वैसे ही उन्होंने भी जमघट लगा लिया। इसके बाद राजस्व कर्मचारियों ने करीब 4 घंटे तक सीमांकन किया। हालांकि इसका निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। इसी दौरान खसरा नंबर 32 की जमीन पर जबरन अतिक्रमण होने की बात सामने आई। बताया गया कि इस रकबे के एक हिस्से पर स्थानीय ग्रामीण ने मकान व गोदाम बनाया हुआ है, जबकि इस रकबे पर प्राथमिक शाला भवन भी बना हुआ है। ये बात जैसे ही ग्रामीणों ने आरआइ से कही तो वे भड़क उठे। हालांकि ग्रामीणों के उग्र तेवर देख आरआइ, पटवारी के तेवर जल्द ढीले पड़ गए और उन्होंने ये कहकर सीमांकन का काम स्थगित कर दिया कि अब इसे डिजिटल तकनीक से कराया जाएगा।
कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां: जौहरिया ग्राम पंचायत में कोरोना कर्फ्यू के बावजूद अवैध रूप से सीमांकन कराने पहुंचे राजस्व अमले के कारण कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ीं। यहां ग्रामीणों के जमघट के कारण शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो सका। बहुत से लोग तो ऐसे थे जो बिना मास्क ही यहां मौजूद रहे। हालांकि इस तरह की स्थिति पैदा करने के लिए राजस्व अमला ही जिम्मेदार रहा। बताया जा रहा है कि आरआइ, पटवारी बिना उच्चाधिकारियों को सूचित किए अपने मन से ही अवैध कब्जाधारी के हित में सीमांकन कराने पहुंचे थे। बहरहाल ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की है कि अवैध कब्जाधारी समेत अन्य के द्वारा मंडी समेत अन्य शासकीय भूमि पर किए गए कब्जे, अवैध खरीद-फरोख्त की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होनी चाहिए।
इनका ये है कहना
अभी कोरोना महामारी के कारण कर्फ्यू, लाकडाउन जारी है। सीमांकन का काम भी बंद है, ये 30 मई के बाद शुरू हो सकते हैं। यदि जौहरिया ग्राम पंचायत में सीमांकन किया गया है और इस दौरान भीड़ एकत्र हुई है तो ये गलत है। मैं जानकारी लेता हूं, संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
नितिन राय, तहसीलदार, करेली।