करेली। अपने घर-आंगन में संचालित मोहल्ला कक्षा में बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाली 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का सरकारी स्कूल के प्राचार्य समेत बच्चों ने सम्मान किया है। खास बात ये है कि बुजुर्ग खुद निरक्षर हैं लेकिन इन्हें शिक्षिका मानकर सम्मानित किया गया, ये संभवत: जिले में अनूठी पहल है।
विश्वव्यापी कोविड 19 के संकटकाल में पूरे वर्ष भर प्राथमिक एवं विद्यालय पूर्णत: बंद थे। वहीं शासकीय-माध्यमिक विद्यालय पिपरिया-बरौदिया के बच्चों को निरतंर शिक्षा से जोड़े रखने के लिए शाला के प्रधान पाठक एमएल मालवीय स्वयं सक्रिय रहे। विभिन्न् नवाचारों के माध्यम से अपने शिक्षकों एवं अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त नौजवान के सहयोग से उनके द्वारा 9 मोहल्ला कक्षाएं आयोजित की जाती रहीं। इनमें से दो कक्षएं अलग-अलग समय पर तिंसरा टोला में लग रहीं हैं। जिनके घर-आंगन में ये कक्षाएं लग रहीं हैं, उनका नाम जीराबाई जाटव है। 75 वर्षीय जीराबाई कक्षाओं के बच्चों को नियमित रूप से नैतिक शिखा का पाठ पढ़ा रहीं हैं। वे संपूर्ण परिसर को एकदम स्वच्छ रखती हैं, जिसका सभी बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्हें शिक्षकों का भी सहयोग मिल रहा है। बुजुर्ग के इस प्रेरणास्पद कार्यों के चलते प्रधान पाठक एमएल मालवीय ने गत दिवस उनका फूलमाला पहनाकर सम्मान किया। उपहारस्वरूप साड़ी भेंट की। इस अवसर पर एमएससी छात्र ओमप्रकाश कुशवाहा, डीएड शिक्षार्थी रक्षा कौरव, संगीता जाटव, शिवम जाटव समेत ग्रामीणों व बच्चों ने भी बुजुर्ग का आशीर्वाद पाप्त किया। इस मौके पर प्रधान पाठक ने स्वागत में कहा कि सबरी मां तो आज भी हैं, बस हमें राम और तैयार करने की आवश्यकता है। कोरोनाकाल में भी बच्चों को इतनी अच्छी शिक्षा देने की व्यवस्था व सम्मान कार्यक्रम से पालक, मोहल्लावासी व बच्चे उत्साहित नजर आए। अंत में शुभम जाटव ने आभार व्यक्त किया।