बीती 31 दिसंबर को मंडल रेल कार्यालय जबलपुर से आए आदेश के बाद शहर के बीचोबीच स्थित फाटक को ये कहकर बंद कर दिया गया था कि रोड ओवरब्रिज शुरू हो गया है। मंडल ने जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2017-18 के पत्र का हवाला देकर फाटक को बंद कर दिया था। वहीं अपूर्ण पड़े अंडरब्रिज को लेकर अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे। इस निर्णय का पूरे शहर में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। आम आदमी की परेशानियों को देखते हुए राज्यसभा सदस्य ने तत्काल कलेक्टर वेदप्रकाश समेत मंडल रेल प्रबंधक, रेल पुल निर्माण से जुड़े इंजीनियरों से फोन पर बात कर उनके निर्णय को स्थगित कर अंडरब्रिज बनने तक फाटक चालू रखने कहा। दो दिन तक चले मंथन के बाद आखिरकार रास सदस्य के ऐतराज पर मंडल के अधिकारियों को नतमस्तक होना पड़ा। श्री सोनी ने बताया कि 3 जनवरी उन्हें रेल अधिकारियों व जिला प्रशासन ने सूचित किया है कि निर्माणाधीन अंडरब्रिज के कच्चे रास्ते से एक-दो दिन में आवागमन शुरू करा दिया जाएगा। इसके साथ ही अंडरब्रिज का निर्माण भी जारी रहेगा। विदित हो कि अंडरपास को शुरू न करने व रेल फाटक के अचानक बंद होने से शहर की आबादी दो भागों में बंट गई थी। दोनों ओर के लोगों को रेललाइन के दोनों ओर आवागमन के लिए करीब तीन किमी का चक्कर लगाना पड़ता। इससे रिक्शाचालकों, हाथ ठेला व्यवसायियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया था। हालांकि अंडरपास के एक-दो दिन में शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। रास सदस्य के प्रति नागरिकों ने आभार व्यक्त किया है।