करेली शहर के बीचोंबीच स्थित रेल गेट को बंद करने के पूर्व यहां पर अंडरब्रिज का निर्माण पूरा करने की बात पूर्व में रेलवे के अधिकारियों द्वारा की गई थी। बावजूद इसके वे अपने वादे पर कायम नहीं रह सके। मंडल स्तर के अधिकारियों ने शुक्रवार को झट से एक आदेश निकालकर नवनिर्मित रेल ओवरब्रिज को चालू कराकर रेल गेट को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि इसके विधिवत लोकार्पण की तिथि 3 जनवरी तय की गई है। रेल अधिकारियों के अनुसार करेली के लोग अब इस रेल ओवरब्रिज से आना-जाना कर सकते हैं। वहीं व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो अंडरब्रिज के बिना ओवरब्रिज आमजन की सुविधा से ज्यादा परेशानी का सबब है। इसकी वजह शहर के भीतर आने-जाने के लिए लोगों को चंद कदम की जगह करीब दो-तीन किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना होगा। वहीं छोटे कारोबारियों को भी भारी घाटा व मशक्कत उठानी पड़ेगी। रेल गेट के दोनों ओर ट्रांसपोर्टर समेत अन्य व्यापार-धंधों से जुड़े हाथ ठेला चालकों के लिए अधिक दूरी के साथ ओवरब्रिज पर चढ़ाई और उतार हाड़तोड़ मेहनत भरा हो जाएगा। इसी तरह की स्थिति रिक्शाचालकों व आमजन की रहेगी, लेकिन इस ओर न तो जिला प्रशासन न ही रेलवे के अधिकारियों ने ध्यान दिया। अपनी हठधर्मिता को परवान चढ़ाते हुए रेल व जिला प्रशासन ने करेली के रेल गेट को बंद करने का आदेश जारी कर दिया। आमजन के अनुसार रेल ओवरब्रिज के बनने से भले ही भारी वाहनों के जाम से निजात मिल जाए लेकिन उनकी परेशानियां अंडरब्रिज बनने तक दूर नहीं होंगी। उनके अनुसार अभी भी एप्रोच रोड और चिन्हित अतिक्रमण हटाने का कार्य भी नहीं हो सका है।
रात में प्रकाश की व्यवस्था नहीं
जिस रेल ओवरब्रिज को शुरू कराने पर रेलवे प्रशासन इतरा रहा है, दरअसल उसका काम भी अभी अधूरा ही है।यहां पर शाम होते ही अंधेरा छाने लगता है। ब्रिज पर प्रकाश की कोई व्यवस्था ठेकेदार ने नहीं की है। हैरत की बात ये है कि ब्रिज पर स्ट्रीट लाइट का अभाव है, इसे जानकर भी रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने ब्रिज का काम पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसके लोकार्पण की तारीख तक घोषित कर दी। इसके पूर्व भी रेलवे की हठधर्मिता व प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना तौर तरीकों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। विदित हो कि करेली रेलवे फाटक 271 ए पर रेलवे ओवरब्रिज की बार-बार ड्राइंग बदली, समय अवधि में कार्य पूरा नहीं हो सका, अब ब्रिज पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था न होना एवं बिना अंडरपास के पूर्ण निर्माण हुए रेलवे फाटक को बंद कर देना रेलवे की मनमानी को उजागर कर रहा है। फाटक के पास पैदल यात्रियों के लिए फाटक को पार करने सीढ़ी का निर्माण नहीं किया गया है, जबकि यह मांग ब्रिज के निर्माण के समय से ही लगातार नागरिक कर रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य ने अधिकारियों से की बात
करेली रेल गेट को अचानक बंद करने से पैदा हुईं परेशानियों को समझते हुए राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने जिला प्रशासन और जबलपुर रेल मंडल के अधिकारियों के समक्ष अपनी नाराजगी जता दी है। नईदुनिया को सांसद सोनी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर वेदप्रकाश समेत डीआरएम और रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग से कहा है कि जब तक तय शर्तों के अनुसार अंडरब्रिज का निर्माण पूरा न हो तब तक रेल गेट को बंद न किया जाए। श्री सोनी ने स्वीकार किया कि भले ही ओवरब्रिज बन गया हो लेकिन इससे आमजन की परेशानियां कम नहीं होने वाली। इसका निदान अंडरब्रिज का निर्माण पूरा होने पर ही संभव है। श्री सोनी ने ये भी बताया कि अधिकारियों से हुई चर्चा के उपरांत उन्होंने आश्वस्त किया है कि वे रेल गेट को खोलने पर पुनर्विचार करेंगे।
इनका ये है कहना
करेली के रेल गेट को बंद करने का फैसला मंडल स्तर के अधिकारियों का है। नरसिंहपुर का इंजीनियरिंग विभाग इसमें कोई फैसला नहीं ले सकता। राज्यसभा सदस्य ने वरिष्ठों से बात की है। रेल गेट खुलेगा या नहीं इसका फैसला मंडल स्तर पर होगा।
इंजी. बीजी पांडे, रेल ब्रिज विभाग, नरसिंहपुर।
करेली के अधूरे पड़े अंडरब्रिज के संबंध में रेलवे के अधिकारियों से हम चर्चा करेंगे। देखेंगे कि आखिर इनका निर्माण क्यों अधूरा पड़ा है। करेली में रेल ओवरब्रिज शुरू हो गया है, अंडरब्रिज के निर्माण की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है।
वेदप्रकाश, कलेक्टर, नरसिंहपुर।