नरसिंहपुर: खामघाट जमीन घोटाले में पटवारियों को बचाने पुलिस को थमाई फोटोकॉपी, मूल दस्तावेज गायब
नरसिंहपुर। खामघाट, लिंगा, बड़ियाघाट, हेमरा और ढुरसुरु की करीब 600 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले में जिन मूल दस्तावेजों के बूते कलेक्टर न्यायालय ने पटवारियों को दोषी माना था, वे ही अब गायब हैं। पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने गए राजस्व अधिकारियों ने थाने में मूल दस्तावेजों के बजाय इनकी फोटोकॉपी सौंपी है। जिससे पुलिस के सामने संकट दस्तावेजों की प्रमाणिकता का है। उसके अनुसार फोटोकॉपी के बल पर पटवारियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। वहीं सूत्रों के अनुसार पटवारियों को बचाने के लिए ही दस्तावेजों की फोटोकॉपी का खेल खेला है।
इनका ये है कहनाखामघाट जमीन घोटाले का प्रकरण उनके संज्ञान में आया है। इसमें दो पटवारियों पर एफआइआर हो चुकी है लेकिन इनकी गिरफ्तारी तभी संभव होगी जब मूल दस्तावेज उनके पास होंगे। फोटोकॉपी के बल पर पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकती। मूल दस्तावेज प्राप्त करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।अखिलेश मिश्रा, थाना प्रभारी, करेलीखामघाट से संबंधित कलेक्टर न्यायालय के आदेश व प्रकरण को मैं दिखवा लेती हूं। सरकारी जमीन जिसे बेची गई, उसका कब्जा अब तक क्यों नहीं हटाया गया, पटवारियों की गिरफ्तारी में क्या अड़चन है, इसकी जानकारी लेकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।सृष्टि देशमुख, एसडीएम, गाडरवारा