नरसिंहपुर। खामघाट, लिंगा, बड़ियाघाट, हेमरा और ढुरसुरु की करीब 600 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले में जिन मूल दस्तावेजों के बूते कलेक्टर न्यायालय ने पटवारियों को दोषी माना था, वे ही अब गायब हैं। पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने गए राजस्व अधिकारियों ने थाने में मूल दस्तावेजों के बजाय इनकी फोटोकॉपी सौंपी है। जिससे पुलिस के सामने संकट दस्तावेजों की प्रमाणिकता का है। उसके अनुसार फोटोकॉपी के बल पर पटवारियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। वहीं सूत्रों के अनुसार पटवारियों को बचाने के लिए ही दस्तावेजों की फोटोकॉपी का खेल खेला है।
जानकारी के अनुसार खामघाट व अन्य गांवों की शासकीय जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने का मामला जब कलेक्टर न्यायालय में चल रहा था, तब जमीन की खरीदी-बेचने की बही आदि जरूरी दस्तावेज मौजूद थे। जिसके आधार पर ही जिला दंडाधिकारी ने आरोपित पटवारियों अशोक राय और फूल सिंह मेहरा को जमीन घोटाले का दोषी माना था। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर नायब तहसीलदार ने दोनों पटवारियों पर एफआइआर का आदेश जारी किया था। सिहोरा वृत्त के आरआई के माध्यम से करेली थाने में पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पत्र दिया गया था। इसमें साफ लिखा था कि 7 दिन के भीतर जो भी कार्रवाई की जाए उसे उच्चस्थ अधिकारियों को मुहैया कराया जाए। वहीं करेली पुलिस का दावा है कि वह एफआइआर के आदेश के बाद से वे लगातार राजस्व विभाग से मूल दस्तावेज मांग रहे हैं लेकिन यह उपलब्ध नहीं हो रहा है। थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा के अनुसार वे इस प्रकरण से जुड़े तमाम मूल दस्तावेजों को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि पटवारियों के खिलाफ एफआइआर के आदेश के बाद भी बेची गई जमीन को अब तक खाली नहीं कराया गया है। इसके खरीदारों पर भी कार्रवाई नहीं हो सकी है।
इनका ये है कहनाखामघाट जमीन घोटाले का प्रकरण उनके संज्ञान में आया है। इसमें दो पटवारियों पर एफआइआर हो चुकी है लेकिन इनकी गिरफ्तारी तभी संभव होगी जब मूल दस्तावेज उनके पास होंगे। फोटोकॉपी के बल पर पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकती। मूल दस्तावेज प्राप्त करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।अखिलेश मिश्रा, थाना प्रभारी, करेलीखामघाट से संबंधित कलेक्टर न्यायालय के आदेश व प्रकरण को मैं दिखवा लेती हूं। सरकारी जमीन जिसे बेची गई, उसका कब्जा अब तक क्यों नहीं हटाया गया, पटवारियों की गिरफ्तारी में क्या अड़चन है, इसकी जानकारी लेकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।सृष्टि देशमुख, एसडीएम, गाडरवारा