नरसिंहपुर: जिला खनिज अधिकारी के विरुद्ध दर्ज हो सकती है पुलिस को गलत सूचना देने की एफआईआर

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नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिला खनिज अधिकारी ओपी बघेल द्वारा दिनांक 21 जून 2021 को सुआतला थाने में एनजीटी के याचिकाकर्ता करेली निवासी रमाकांत कौरव के विरुद्ध दर्ज कराई गई एफआईआर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय नरसिंहपुर में झूठी पाई गई है। दिनांक 01 दिसम्बर 2022 को सुनवाई करते हुए सीजेएम श्रीमती अपर्णा राजेश शर्मा द्वारा आदेश पारित करते हुए पुलिस द्वारा प्रस्तुत खारिजी को स्वीकृत किया गया। खनिज अधिकारी ओपी बघेल द्वारा की गई उपरोक्त शिकायत पर पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव द्वारा कराई गई जांच में अपराध का घटित होना नहीं पाया गया था जिस पर पुलिस द्वारा झूठी एफआईआर पर खारिजी चाक कर 29 सितंबर 2021 को स्वीकृति हेतु न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। बीते एक साल 2 माह में करीब 13 बार सुनवाई के उपरांत 01 दिसम्बर 2022 को खारिजी स्वीकृत हुई।

रेत माफियाओं से मिलीभगत कर दर्ज कराई थी झूठी एफआईआर

आरटीआई कार्यकर्ता रमाकांत कौरव ने बताया कि उनके द्वारा नर्मदा सहित अन्य नदियों में किये अवैध उत्खनन करने वाली धनलक्ष्मी कम्पनी की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल में याचिका दायर कर की गई थी। चुंकि उक्त याचिका में इस बात का जिक्र था कि तत्कालीन नरसिंहपुर कलेक्टर वेदप्रकाश एवं खनिज अधिकारी ओपी बघेल के धनलक्ष्मी कम्पनी से दोस्ताना सम्बंध हैं इसलिए प्रमाण सहित की गई अनेक शिकायतों के बावजूद इनके द्वारा धनलक्ष्मी कम्पनी के अवैध उत्खनन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याचिका में कही इस बात से रेत माफियाओं के साथ उपरोक्त दोनों अधिकारी रमाकांत कौरव से दुर्भावना रखते हैं जिसकी वजह से एनजीटी के आदेश पर जांच के दौरान शासकीय काम में बाधा डालने, धक्का देने व धमकाने की झूठी शिकायत दर्ज कराई गई एवं दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करते हुए तत्कालीन कलेक्टर वेदप्रकाश द्वारा रमाकांत कौरव का पिस्टल का शस्त्र लायसेंस बिना कोई नोटिस दिए निलंबित कर दिया गया। जो कि हाल ही में नवागत कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना द्वारा बहाल कर दिया गया है।

आपराधिक प्रकरण व मानहानि के दावे की कार्रवाई का सामना करना होगा खनिज अधिकारी ओपी बघेल को

रेत माफिया कम्पनी से वफादारी खनिज अधिकारी ओपी बघेल को अब भारी पड़ती नजर आ रही है। रमाकांत कौरव ने बताया कि उनके विरुद्ध दर्ज झूठी एफआईआर के मामले में मां नर्मदा ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। उन्हें न्यायालय से न्याय मिलने का पूरा भरोसा था। अब उनके द्वारा खनिज अधिकारी ओपी बघेल के विरुद्ध झूठी शिकायत करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ न्यायालय के समक्ष मानहानि का मामला दायर किया जाएगा। रमाकांत ने बताया कि आजकल भ्रष्ट अधिकारियों ने यह परिपाटी बना ली है जिन लोगों से खतरा होता है भ्रष्टाचार उजागर होने का जो लोग बिकते नहीं, झुकते नहीं, रुकते नहीं हैं उनके ऊपर सादे कागज में आवेदन देकर शासकीय काम में बाधा डालने का झूठा मामला बनवा दिया जाता है। फिर ऐंसे निर्दोष व्यक्ति सालों तक कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्कर काटते रहते हैं एवं परेशान होकर मजबूरन उनको भ्रष्टाचारियों के आगे झुकना पड़ता है। परन्तु इस मामले में जल्द एक उदाहरण स्थापित होगा कि सच्चे व ईमानदार लोगों को झूठी शिकायत में फसाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर कानून किस तरह कठोर कार्रवाई करता है जिससे भविष्य में कोई भी भ्रष्ट अधिकारी ऐंसा दुस्साहस करने की सोचे भी न।

इनका कहना है:-
पुलिस को गलत सूचना देने वालों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 182, 211 के तहत अपराध दर्ज किया जाता है। न्यायालय से आदेश की प्रति प्राप्त होने के पश्चात इस मामले में नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
– विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर

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