कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बुधवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से छठे दौर की वार्ता की। कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में किए गए सरकार के प्रयासों से पुनः अवगत कराया।
कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आंदोलन शांतिपूर्ण एवं अनुशासनात्मक तरीके से किये जाने पर धन्यवाद दिया। किसान प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दे पर समाधान करने हेतु हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है।
साथ ही सरकार प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हर संभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए कानूनी राय के साथ विचार करने के लिए तैयार है।
कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद तथा मंडी प्रणाली पूर्व की तरह जारी रहेगी। किसान संगठनों के एमएसपी पर कानून बनाने के प्रस्ताव पर माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की एमएसपी तथा उनके बाजार भाव के अंतर के समाधान हेतु समिति का गठन किया जा सकता है।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा, इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्पों के आधार पर विचार किया सकता है। जिससे संविधानात्मक मर्यादा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन अध्यादेश, 2020 तथा विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 पर सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की तथा सरकार ने किसान संगठनों के सुझाव पर सैद्धांतिक रूप से इन दोनों विषयों पर अपनी सहमति जताई।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दे सरकार के समक्ष विचारार्थ रखे। जिस पर सरकार ने उन्हें योग्य निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया। यह भी आश्वासन दिया गया कि भारत सरकार भी साफ नियत तथा खुले मन से प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई और दोनों पक्षों ने आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
कृषि मंत्री द्वारा किसान संगठनों को अनुरोध किया गया कि कृषि सुधार कानूनों के संबंध में अपनी मांग के अन्य विकल्प दे, जिस पर सरकार विचार कर सकेगी।
अगली बैठक दिनांक 04 जनवरी को 2 बजे अपराह्न निर्धारित की गयी। कृषि मंत्री द्वारा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को आंदोलन स्थल से घर वापस जाने हेतु प्रेरित करें।