नरसिंहपुर। तिलहन समेत चीकू और अन्य फलों की खेती से किसान भारी मुनाफा कमा सकते हैं। ये जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र में 21वीं परामर्शदात्री समिति की ऑनलाइन बैठक के दौरान प्रमुख कृषि वैज्ञानिक उद्यानिकी डॉ. टीआर शर्मा ने दी। उनका सुझाव था कि नर्मदा किनारे की ढाल वाली जमीन पर तिलहन की खेती करें। साथ ही जिले के तापमान अनुसार विभिन्न् फलों की खेती कर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
बैठक का आयोजन डॉ. दिनकर शर्मा, संचालक विस्तार सेवाएं जवाहर लाल नेहरु कृविवि जबलपुर के मार्गदर्शन में किया गया। जिसमें डॉ. शर्मा सहित डॉ. प्रमोद गुप्ता वैज्ञानिक ने जबलपुर से ऑनलाइन संबोधन किया। बैठक में जिले के प्रगतिशील किसान नारायण सिंह पटेल, कृष्णपाल सिंह लोधी, राकेश बक्सी एवं नीलेश पटेल सहित कृषि विभ्ााग, उद्यानिकी, पशुपालन विभ्ााग के अधिकारी उपस्थित रहें। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. केव्ही सहारे द्वारा खरीफ वर्ष 2020-21 की प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। प्रगतिशील किसान श्री पटेल द्वारा जिले में चीकू व अन्य फलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दिया। किसान श्री बक्सी द्वारा सोयाबीन की नई उन्न्त किस्मों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। जिससे जिले के पीला सोना के नाम से मशहूर सोयाबीन से किसान लाभांवित होे सकें। श्री लोधी ने जिले में तिलहन की फसल उपलब्धता के लिए सूरजमुखी, कुसुम, तिल की फसल को नवाचार के रूप में उपलब्ध करने के लिए सुझाव दिया। आत्मा परियोजना संचालक शिल्पी नेमा द्वारा खरीफ में सोयाबीन फसल के विकल्प के रूप में ज्वार एवं तिल को बढावा देने की बात कहीं। केंद्र की समिति बैठक में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा कृषि वानिकी, डॉ. एसआर शर्मा पादप संरक्षण, निधि वर्मा वैज्ञानिक शस्य विज्ञान, नीरजा पटेल वैज्ञानिक कृषि प्रसार, डॉ.ऋचा सिंह कार्यक्रम सहायक उद्यानिकी एवं विजय सिंह सूर्यवंशी तकनीकी सहायक शस्य विज्ञान की उपस्थिति रही। बैठक के समापन पर डॉ.एसआर शर्मा ने आभार जताया।