पैसा होता तो हम भी करते सेवा- ऐसा सोचने वालों के लिए श्वेता-अफसाना हैं मिसाल
Khabar Live 24
नरसिंहपुर। जिन्हें लगता है कि मानवसेवा सिर्फ पैसों से हो सकती है, उनके लिए बरमान-गोटेगांव के गरीब परिवारों की दो बेटियां श्वेता और अफसाना मिसाल हैं। पल-पल जीवन का संघर्ष करतीं ये बेटियां आज मानवता पर संकट की घड़ी में अपने आसपड़ोस की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर उन्हें संक्रमण से मुक्त रखने का बीड़ा उठाए हुए हैं। अपनी जिमेदारियों के बीच इनके सेवाभावी जज्बे को देख-सुनकर हर कोई इन्हें सलाम करता नजर आ रहा है। दोनों बेटियां नियमित रूप से मास्क खुद सिलकर इन्हें आमलोगों और कोरोना वारियर्स को निशुल्क बाँट रहीं हैं।
पिता लकवाग्रस्त, घर में पांच सदस्य, सबके पालन का जिम्मा श्वेता पर
जिले के बरमान कला निवासी छात्रा श्वेता साहू ने खुद के द्वारा तैयार किये गए करीब 2 हजार रुपये मूल्य के मास्क पुलिस को दिए हैं। पुलिस द्वारा इन मास्क को जरूरतमंदों के बीच बंटवाया जा रहा है। छात्रा ने अपने स्तर पर भी मास्क का निशुल्क वितरण किया है। छात्रा श्वेता साहू खुद के द्वारा बनाए गए मास्को को लेकर बरमान चौकी पहुंची व चौकी प्रभारी ओपी शर्मा को मास्क सौंपे। श्वेता सिलाई कर न केवल परिवार का पालन पोषण कर रही है बल्कि पढ़ाई भी कर रही है। उसके पिता लकवाग्रस्त हैं और उसकी दो बहन और मां भी है। जिनकी जिम्मेदारी भी वह स्वयं उठा रही है।
चंद्रपुरा गांव में रोज मास्क बाँट रहीं हैं अफसाना बी
गोटेगांव तहसील के ग्राम चंदपुरा में भी गाँव की बेटी अफसाना द्वारा खुद सिलकर मास्क बांटे जा रहे है। अफसाना गाँव में मास्क बांटने के साथ ही बॉल पेंटिग के जरिए लोगो को कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक बनाने में लगी है। जिससे गाँव के लोग सुरक्षित रहें और सभी नियमो का पालन करें। अफसाना बी बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं जो पढाई के साथ ही घर में सिलाई का कार्य भी करतीं है। गाँव के सभी लोग मास्क खरीदने में सक्षम नहीं है और गांव में मिलना भी मुश्किल है। इसलिए अफसाना ने यह कार्य शुरू किया है। वह सिलाई के कार्य से जो कपड़ा निकलता है उससे मास्क बनाकर लोगों को बांट रही है। वह खुद ही खेतों में कार्य करने वाले मजदूरों को मास्क देने जातीं हैं। अब तक वह करीब 300 मास्क खुद ही सिलकर बांट चुकीं है।साथ ही गाँव की दीवारों पर बॉल पेंटिंग, स्लोगन के जरिए लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक बनाने का कार्य कर रहीं है। उसके इस कार्य से उनके पिता अजीम खान, मां जमीला बी भी बहुत खुश हैं और समाज की इस तरह से सेवा करने के लिए हौंसला अफजाई करते है। छात्रा का कहना है कि गाँव के हेंडपम्प जंहा रोजाना पानी लेने के लिए महिलाओ, पुरुषों की भीड़ लगती है उधर भी शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाये गए हैं ताकि जब भी कोई पानी लेने के लिए आए तो वह एक दूसरे से दूर खड़ा हो सके।