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नरसिंहपुर: शराब के नशे ने उगलवाया सच, रंगरलियां मनाते पकड़ी गई साली ने आशिक से जीजा को उतरवाया मौत के घाट

नरसिंहपुर। अपनी साली को गांव के एक शराबी आशिक के साथ रंगरलियां मनाते जीजा ने पकड़ लिया था। इस बात का खुलासा घर में न हो जाए इसे देखते हुए साली ने अपने आशिक के साथ मिलकर जीजा को ही मौत के घाट उतरवा दिया। रिश्तों को कलंकित करने वाला ये घटनाक्रम तेंदूखेड़ा तहसील के रम्पुरा गांव का है। जहां 7 माह पूर्व हुई हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर अंधे हत्याकांड से परदा उठाया है।
मंगलवार को तेंदूखेड़ा पुलिस ने बताया कि बीती 17 जनवरी की सुबह करीब 10 बजे रम्पुरा के गौतम कुर्मी के खेत में बनी टपरिया में खेत की रखवाली करने वाले संतोष उर्फ संतू यादव 30 वर्ष निवासी खिरकाटोला की खून से लथपथ लाश बरामद हुई थी। परिस्थितियों को देखकर लग रहा था कि किसी ने तेज धारदार हथियार से संतोष को मौत के घाट उतारा है। इस मामले में तत्काल कोई साक्ष्य नहीं मिला था। हालांकि विवेचना के दौरान करीब 200 व्यक्तियों से पूछताछ भी हुई लेकिन आरोपी का पता नहीं चल सका। इसी दौरान बीती 26 जुलाई को एक ऐसा घटनाक्रम हुआ, जिसने लगभग बंद हो रही हत्या की फाइल में जान फूंक दी। हुआ ये कि शराब के नशे में ठरकी खिरकाटोला का संदीप चडार मोहल्ले के क्रिकेट मैदान के पास नशे में तेजी से बड़बड़ा रहा था कि मृतक संतोष की साली से उसके अवैध संबंध होने की जानकारी संतोष यादव को लग गई थी। इसलिए उसने उसे मौत के घाट उतार दिया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने संदेही संदीप चड़ार 28 वर्ष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। संदीप ने बताया कि मृतक की साली के साथ एक दिन अवैध संबंध बनाते हुए मृतक संतोष यादव ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया था। संतोष ने आरोपी संदीप को जान से मारने की बात कहकर मारपीट भी की थी। इस कुंठा के कारण उसने संतोष की साली के साथ मिलकर षडयंत्र किया। 16-17 जनवरी की दरम्यानी रात साली ने संदीप को मोबाइल पर सूचित किया कि संतोष यादव खेत में अकेला सोने गया है। इस सूचना के बाद आरोपी संदीप ने मौके पर पहुंचकर संतोष को धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया। खेत में आकर ट्यूबवेल के पास सागौन के पेड़ के नीचे हथियार को गड़ा दिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर तमाम हथियार बरामद कर लिए हैं। 27 जुलाई को आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। आरोपी की 7 माह बाद गिरफ्तारी में एसडीओपी मेहंती मरावी, टीआई श्रंगेश राजूपत, उप निरीक्षक अक्रजय धुर्वे, रुचिका सूर्यवंशी, प्रधान आरक्षक दुर्गा, मनोहर सिंह बुंदेला, पप्पू सिंह, विजय धुर्वे, आरक्षक सत्येंद्र, कर्मवीर यादव, महिला आरक्षक शोभा, माया, आरक्षक लखनलाल, गौरीशंकर, बहादुर, सुदीप धाकड़, कृष्णकुमार का विशेष योगदान रहा।