रानी अवंतीबाई परियोजना के अधिकारी मेन केनाल व उसके नीचे से सड़क बनाने की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। जानकारों के अनुसार जब तक परियोजना द्वारा इसे स्वीकृत नहीं किया जाता है तब तक निकाले गए टेंडर का कोई मतलब नहीं है। स्वीकृति मिलने तक निर्माण कार्य खटाई में पड़ा रहेगा। वहीं ठेकेदार शक्ति सिंह राजपूत ने बताया कि 12 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करके उन्होंने ये टेंडर लिया है लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा आज तक सड़क बनाने के लिए लेआउट प्रदान नहीं किया है। बताया जाता है कि लोनिवि के अधिकािरयों ने एक साल पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर बिना सर्वे कराए आनन-फानन में इस्टीमेट बनाकर टेंडर लगा दिया लेकिन एक साल बाद भी एसडीओ एके गुप्ता, उपयंत्री श्री तिवारी ने इस्टीमेट नहीं बनाया। बताया तो यह भी जा रहा है कि उपयंत्री 8 साल से यहां पर पदस्थ हैं। एसडीओ को कार्य का अनुभव तक नहीं है। उन्होंने एक साल बाद भी इस्टीमेट नहीं बनाया है, यह इसका नमूना है। ठेकेदार के अनुसार उन्होंने 5 पत्र चीफ इंजीनियर, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री को लिखकर लेआउट की मांग की है। इस्टीमेट व लेआउट नहीं दिए जाने पर ठेकेदार ने अपनी जमाराश राशि वापस करने की मांग की है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों रणजीत राजपूत, प्रकाश ठाकुर, शैलेष परिहार ने शीघ्र सड़क निर्माण की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की तो उनके खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। नागरिकों का कहना है कि जहां सरकारी कुआं है वहां किसानों ने कब्जा किया है। यहां से सड़क बनना है। लोनिवि के अधिकारियों ने आज तक पहुंच मार्ग का सर्वे तक नहीं किया है।