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मछुआरों को अब मिलेगी 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राशि

 
 

भोपाल।मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने महासंघ की 25वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मछुआ समाज मुख्य रूप से मत्स्य पालन और आखेट का कार्य करते हुए जीवन-यापन कर रहा है इनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ही मत्स्य महासंघ का स्थापना की गई थी। लड़कियों के विवाह के लिए “मीनाक्षी कन्या विवाह” जाल-नाव सहित अन्य आर्थिक संबल प्रदान करने वाली योजनायें  मत्स्य महासंघ संचालित कर रहा है।

 मंत्री श्रीं सिलावट ने कहा कि सहकारिता के उद्देश्य पर आधारित यह मत्स्य महासंघ सबका विकास, सबका साथ, और सबके विश्वास की अवधारणा पर काम कर रहा है। मंत्री श्री सिलावट ने मछुआ महासंघ की महासभा में गंभीर बीमारी के लिए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार से 50 हजार, तकनीकी शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए और मछुआ सोसाइटी  के सदस्यों में किसी की मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि 7500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दी है।

साधारण सभा में निर्णय लिया गया कि मेजर कॉर्प और अन्य प्रजाति की मछली पकड़ने पर 32 रूपए किलो के स्थान पर अब 34 रुपए किलो और अन्य छोटी मछलियों को पकड़ने पर 19 रूपए प्रति किलो के स्थान पर 20 रूपए प्रति किलो मत्स्याखेट की  दर निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही मछुआ समिति की मांग पर सभी मछुआरों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के संबंध में श्री सिलावट ने निर्देश दिए हैं।

 मंत्री श्री सिलावट ने संचालक मत्स्य विकास और मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक को निर्देश दिए कि सभी मछुआरों के क्रेडिट कार्ड दिसंबर तक बन जाने चाहिए, जिससे बैंको से जीरो ब्याज दर पर ऋण राशि उपलब्ध हो। महा सभा की बैठक में मंत्री ने सभी मछुआ सोसायटी के अध्यक्षों को माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया। उन्होंने संभाग स्तर पर भी क्षेत्रीय बैठकों का आयोजन करने तथा समिति में महिला सदस्यों की भागीदारी के निर्देश दिए हैं।

 साधारण सभा में मत्स्य महासंघ द्वारा प्रस्तुत 56 करोड़ की आय और 36 करोड़ के व्यय का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रदेश के 27 जिलों के जलाशय में मछुआ समिति क्रियाशील हैं। इस वर्ष 445 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड़ की राशि मछुआरों को प्रदान की गई है। मत्स्य महासंघ में 216 और विभाग में 2 हजार मछुआ समिति कार्यरत हैं।