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चश्मदीद बनकर जो लोग उठा रहे तहसीलदार पंकज पर सवाल, उनकी भी हो मेडिकल जांच

मदनपुर चेक पोस्ट पर 20 अप्रैल को जावेद की गिरफ्तारी के वक्त का दृश्य। फाइल फोटो

नरसिंहपुर। मदनपुर चेकपोस्ट पर इंदौर के कोरोना संक्रमित जावेद खान की गिरफ्तारी के वक्त तेंदूखेड़ा तहसीलदार पंकज मिश्रा भी मौजूद थे। इसे लेकर तरह-तरह की शंकाएं कथित लोग चश्मदीद बनकर व्यक्तिगत स्तर पर बयां कर रहे हैं। चूंकि पंकज मिश्रा शुक्रवार को जिले के 12 अधिकारियों-आरक्षकों के साथ कोरंटाइन पर भेजे जा चुके हैं। ऐसे में अब जरूरी हो गया है कि सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के अलावा मदनपुर चेकपोस्ट पर 20 अप्रैल को अन्य कौन लोग मौजूद थे, इसकी जांच हो और इनका मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें भी होम या सरकारी कोरंटाइन पर भेजा जाए।
यहां बताना जरूरी होगा कि शुक्रवार 24 अप्रैल को नृसिंह भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में तेंदूखेड़ा तहसीलदार पंकज मिश्रा भी मौजूद थे। जनसंपर्क विभाग ने इस आयोजन की तस्वीरें अधिकृत रूप से जारी की थी। कुछ देर बाद जबलपुर गढ़ा के सीएसपी रोहित केशवानी के कोरोना संक्रमित होने की खबर के बाद जिला प्रशासन ने जावेद के प्रकरण के प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को होम व सरकारी कोरंटाइन में भेज दिया। रोहित केशवानी जावेद को लेने मदनपुर आए थे। कोरंटाइन होने की खबर के बाद कतिपय लोग पुरस्कार वितरण के कार्यक्रम में मौजूद तहसीलदार पंकज मिश्रा का हवाला देकर उनके संपर्क में आये लोगों को लेकर भ्रामक सवालों को बढ़ावा देने में लगे हैं। कुछ खुद को चश्मदीद कहकर ये बताते रहे कि भले ही तहसीलदार रोहित केशवानी या जावेद के संपर्क में न रहा हो लेकिन वे संक्रमित इलाके में मौजूद जरूर थे। वे किस हुलिया में मदनपुर चेक पोस्ट पर पहुंचे थे, इसका भी विस्तार से वृतांत बताते हैं। जबकि किसी भी वीडियो में पंकज मिश्रा के हुलिया का कोई दृश्य मौजूद नहीं है। ऐसे में अब जबकि तहसीलदार पंकज मिश्रा व चेकपोस्ट पर मौजूद अमला, जिला मुख्यालय के अधिकारी भी कोरंटाइन हो चुके हैं, तो ऐसे में ऐहतियातन कथित चश्मदीदों की जानकारी लेकर इनका और इनके परिवार का भी जनहित में मेडिकल परीक्षण कराने और इन्हें कोरंटाइन कराना अब सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी हो गया है।