कभी किसानों के भुगतान तो कभी कम कीमत देने के मामले में विवादित रही महाकोशल शुगर मिल के नाम अब नया विवाद बिना पंजीयन कराए वाहनों के इस्तेमाल को लेकर है। इस संबंध में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर से ही जिला परिवहन विभाग को शिकायतें मिल रहीं थीं कि करीब 100 ट्रालों का प्रबंधन ने जिला परिवहन विभाग में पंजीयन नहीं कराया है। टैक्स अदा न करना पड़े, इसके लिए इन्हें किसानों के नाम दिखाया जा रहा है। इस संबंध में परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा ने नवंबर 2020 को बाकायदा नोटिस भेजकर मिल प्रबंधन से जवाब मांगा था, साथ ही वाहनों-ट्रालों का पंजीयन कराने कहा गया था। बावजूद इसके ऐसा नहीं हुआ तो तीन-चार दिन पहले ही पुलिस की संयुक्त टीम के साथ जिला परिवहन अधिकारी समेत यातायात प्रभारी शिशिर पांडे ने बचई शुगर मिल में दबिश देकर बिना पंजीयन के 3 ब्लेड वाले ट्रैक्टर, 2 ट्रक व 4 ट्राले जब्त किए। इन्हें मुंगवानी थाने में खड़ा कराया गया है। प्रबंधन से जब्त वाहनों समेत अन्य वाहन जिनका पंजीयन नहीं है, उनका रजिस्ट्रेशन जुर्माने की राशि भरकर कराने कहा गया था।
किसानों की आड़ में लगाए आरोप
बिना पंजीयन के वाहनों की जब्ती के चार दिन बाद महाकोशल शुगर मिल के एमडी नवाब रजा ने जारी अपने बयान में यह कार्रवाई मिल को नुकसान पहुंचाने वाली बताई है। उनका कहना है कि ये ट्राले किसानों की सुविधा के लिए हैं, इसका टैक्स कहां बनता है। वे यहीं रुके उन्होंने ये तक कह डाला कि बिना पंजीयन के वाहनों की जब्ती के कारण उनकी मिल का वायरल बंद हो सकता है, कामकाज ठप पड़ सकता है। इससे मिल को करोड़ों का नुकसान होता है तो इसके लिए जिला परिवहन अधिकारी जिम्मेदार होंगे। दिलचस्प बात ये रही कि नवाब खुद इस बात को कहते दिख रहे हैं कि यदि उन्होंने कुछ लाख का टैक्स अदा नहीं किया तो इसमें क्या गलत है।
नवाब ने स्वीकारे बिना पंजीयन के 100 ट्राले
अपने बयान में महाकोशल शुगर मिल के एमडी नवाब रजा खुद स्वीकार रहे हैं कि उनकी मिल में बिना पंजीयन के 100 ट्राले लगे हुए हैं। हालांकि वे इस बात का जवाब नहीं दे सके कि वर्षों से इन ट्रालों का परिवहन विभाग में पंजीयन क्यों नहीं किया गया। खास बात ये रही कि ट्रालों का बीमा तक नहीं है। ऐसे में मिल प्रबंधन के दावों के अनुसार यदि इन ट्रालों का इस्तेमाल किसान कर रहे हैं तो दुर्घटना होने पर जवाबदेह कौन होगा, इस बात पर प्रबंधन ने कुछ नहीं कहा।
कितना बकाया है टैक्स
बचई शुगर मिल के एमडी नवाब रजा की स्वीकारोक्ति रही कि उनके पास 100 ट्राले हैं जो बिना पंजीयन के हैं। अब परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार देखें तो प्रति ट्राले की 10 फीसद राशि पंजीयन के समय देय होती है। जबकि समय पर पंजीयन न होने पर प्रतिवर्ष ट्राले की कुल लागत का एक फीसद साल-दर-साल जुर्माने के रूप में लगता है। जिला परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा के अनुसार प्रति ट्राला पंजीयन 30-40 हजार रुपये टैक्स बनता है। मिल प्रबंधन की स्वीकारोक्ति के बाद टैक्स निकाला जाए तो ये करीब 30 लाख के आसपास बैठेगा। इसके अलावा इसका बीमा व जुर्माना की राशि अलग से देय होगी। श्री शर्मा के अनुसार मिल प्रबंधक टैक्स की राशि जमा न करना पड़े इसलिए वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
ऑडियो में स्वीकार रहे रिश्वत की बात
गुरुवार को एमडी नवाब रजा का जो ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, उसमें श्री रजा कह रहे हैं कि अपंजीकृत ट्रालों के सेटरमेंट के लिए जिला परिवहन अधिकारी से पांच लाख रुपये में बात तय हुई थी। इसमें से दो लाख रुपये दिए जा चुके थे, लेकिन 3 लाख रुपये शेष रहने के कारण ही उनके यहां ट्रालों की जब्ती की गई है। वे ऑडियो में अधिकारी के लिए धमकी भरे शब्द देख लेने, अधिकारी को न छोड़ने की बात तक कह रहे हैं। नवाब रजा के इन आरोपों के संबंध में जब जिला परिवहन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इन्हें निराधार बताया।
इनका ये है कहना
हमारे पास जो ट्राले हैं वे हमने किसानों को दे रखे हैं, उनका जिम्मा है पंजीयन कराने का। हम इन ट्रालों का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं लेकिन परिवहन विभाग हमसे इनका कमर्शियल टैक्स मांग रहा है, जो कि गलत है। जब बायलर को ट्रैक्टर बेगास सप्लाई कर रहा था तो आपने उसे जब्त कर लिया। यदि बायलर बंद हो जाता है तो इससे लाखों का नुकसान होगा।
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