जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक (गन्ना) समेत एक अन्य अफसर पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों ने प्रशासनिक हल्के में हलचल मचा रखी है।
जानकारी के अनुसार गन्ना उपसंचालक कार्यालय में पदस्थ अनुसूचित जनजाति की महिला कर्मचारी ने कुछ समय पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक दुबे और अनीश खान पर प्रताड़ना, अपमान समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि इस पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का सहारा लिया। भोपाल से जब इस मामले की पड़ताल शुरू हुई तो कलेक्टर वेदप्रकाश ने आननफानन में प्रकरण की जांच के लिए जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी लता बान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल का गठन कर दिया। इस दल में महिला बाल विकास अधिकारी राधेश्याम वर्मा और नायब तहसीलदार सोनम मौर्य भी शामिल हैं। बीते शनिवार को शिकायतकर्ता के बयान लेने के बाद सोमवार दोपहर को फिर ये दल गन्ना उपसंचालक कार्यालय पहुंचा। बंद कमरे में जांच दल ने पीड़ित महिला समेत दो अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। इस दौरान आरोपित अधिकारी दफ्तर से नदारद रहे।
मंगलवार को भी होंगे बयान
सोमवार को जांच दल की कार्रवाई अधूरी ही रही। करीब 2 घंटे तक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया के बीच अन्य कर्मचारियों के कथन लिए जाना शेष रहा। इसके चलते ये जांच दल पुनः मंगलवार को गन्ना उपसंचालक कार्यालय में जाकर अंतिम रूप से बयान दर्ज करेगा। वहीं प्रकरण को लेकर जांच अधिकारी चुप्पी साधे रहे। मीडिया द्वारा लगातार पूछे जाने के बावजूद उनका कहना था कि जांच पूरी होने के बाद ही वे कुछ बताएंगे।
इनका ये कहना
गन्ना उपसंचालक और एक अन्य अनीश खान के खिलाफ महिला कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस प्रकरण की जांच के लिए
कलेक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय दल बनाया गया है। हमने दो दिन बयान लिए हैं। मंगलवार को भी अंतिम रूप से जांच होगी। इसके बाद प्रकरण का प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। जांच पूरी होने तक इससे अधिक मैं कुछ नहीं बता सकती।
लता बान
जांच दल प्रमुख व जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी।