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अतिथियों के आने पर देवी 2020 ने किया ऐसा काम कि जेल अधीक्षक को देनी पड़ी शाबासी

नरसिंहपुर। अतिथि देवो भवः। ये सूत वाक्य पुरातन काल से सनातनी संस्कारों का अभिन्न अंग रहा है। खासकर ग्रामीण परिवेश में शहर की तुलना में अतिथियों के स्वागत-सत्कार की उत्सुकता कुछ ज्यादा ही रहती है। लेकिन, शनिवार को मुंआर गाँव का नजारा कुछ उलट था। दरअसल, यहाँ पर कोरोना वायरस से सर्वाधिक पीड़ित राज्य केरल से एक परिवार का यहाँ आना हुआ। इससे पूरे गांव में डर का  माहौल व्याप्त रहा। इसी दौरान कोरोना वायरस से लड़ने गांव-गांव जनजागरण कर रहीं एनआरआई और हाल ही में देश के प्रतिष्ठित देवी 2020 अवार्ड से सम्मानित माया विश्वकर्मा यहां पहुंची। संकोच में डूबे गाँव वालों की व्यथा, कथा और मजबूरी सुनने के बाद उन्होंने तत्काल केरल से आए परिवार के बारे में जिला अधिकारी को सूचित किया। जिसके बाद संबंधित की जांच-पड़ताल की गई। जिसमेें वे स्वस्थ  पाए  गए। इस  दौरान माया विश्वकर्मा ने ग्रामीणों से अपने परिवार, पड़ोसियों आदि की सुरक्षा के मद्देनजर बाहरी प्रदेशों, जिलों से आने वाले लोगों की सूचना प्रशासन का आव्हान किया। उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी बताए। खुशहाल और स्वस्थ जीवन के लिए लॉक डाउन का समर्थन करने की अपील की। माया की इस पहल को जागरुकता के क्षेत्र में काम करने वालों की खूब सराहना मिली। नरसिंहपुर के भद्रजनों के व्हाट्सएप ग्रुप पर जेल अधीक्षक शैफाली तिवारी ने माया विश्वकर्मा के इस कदम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।  जेल अधीक्षक ने जागरूकता के लिए कॉउंसलिंग की जोरदार वकालत की। अन्य ने भी माया का उत्साहवर्धन किया। माया ने आव्हान किया कि, यदि आपके बीच इस तरह के बाहरी लोग आए हैं, तो उनकी जानकारी छुपाएं नहीं बल्कि जिला अधिकारी को तत्काल सूचित करें।   बचर्चा के दौरान माया का कहना था कि लोक-लाज और संकोच के कारण लोग    इसके     वर्तमान में जबकि कोरोना वायरस के कहर से श   सभी की जानकारी के नज़दीकी गाँव मुआर में एक परिवार केरल से आया हुआ है जो कि आज की तारीख़ में सबसे संक्रमित राज्य है आज जब करोना जागरूकता के लिए मुआर गाँव पहुँचे तो गाँव वालों ने सूचना दी ।