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नरसिंहपुर: ओले से चौड़ी पत्ती वाली फसलों को भारी नुकसान, जिले में इन जगहों पर बरसी आफत


 नरसिंहपुर। जिले में पिछले एक हफ्ते से मौसम में गर्मी-ठंडी का उतार-बढ़ाव बना हुआ था। इसी बीच मंगलवार को मौसम ने फिर करवट ली, सुबह से जिले के दो दर्जन से अधिक गांवों में मूसलधार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। इसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिली।
जिला मुख्यालय के करीबी गांवों चिनकी, उमरिया, समनापुर, घूरपुर के अलावा बड़ियाघाट, चावरपाठा, काशीखैरी, केसली, डोभी क्षेत्र, बरमान खुर्द, बरमान कला के अलावा गोटेगांव तहसील के कमती इमलिया, देवनगर, मानेगांव में चना आकार से लेकर बेरी के आकार तक के ओले गिरे। इसी तरह गाडरवारा तहसील के अंतर्गत भटेरा, कोठिया, सिरसिरी, संदूक, नरवारा समेत नर्मदा तटीय क्षेत्र के कई गांवों में ओले गिरे। सुबह करीब 7.30 बजे से हुई बारिश और ओलावृष्टि ने लोगों को चौंका दिया। बारिश व ओलावृष्टि की घटनाएं जिले की सभी तहसीलों के अंतर्गत हुई। यद्यपि जिला मुख्यालय में बीच-बीच में धूप भी खिली लेकिन बारिश का सिलसिला भी बरकरार रहा। इसके चलते ठंड भी बढ़ गई।

बारिश नहीं ओले से नुकसान का अंदेशा

बदले मौसम के चलते हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों में चिंता पैदा कर दी है। खासकर मसूर उत्पादक किसानों के समक्ष सर्वाधिक चुनौती पैदा हो गई है। किसान मुकेश शर्मा, अंकित राजपूत, सुभाष चौधरी, बलराम पटेल, धर्मेश शर्मा, सुबोध पटेल के अनुसार बारिश से फिलहाल नुकसान नहीं है लेकिन जहां-जहां ओले गिरे हैं, वहां चना-मसूर की फसल में नुकसान हो सकता है। किसानों के अनुसार मसूर की फसल पक चुकी है, किसान इसकी कटाई कर रहा है। हालांकि बारिश और ओले के कारण खेत गीले हो गए हैं, जिसके कारण कटाई का काम प्रभावित हुआ है। यदि मौसम अगले एक-दो दिए ऐसा ही बना रहा तो नुकसान होना तय है। चना में फर आ गए हैं, ओला गिरने से इसमें भी कहीं-कहीं नुकसान की संभावना है।


गेहूं छोड़ हर फसल को नुकसान

कृषि विज्ञानी डॉ. एसआर शर्मा के अनुसार मौसम से चौड़ी पत्ती वाली फसलों को ज्यादा नुकसान है। अभी जैसा मौसम बना है, उसके बाद यदि रात में तापमान घटेगा तो पाला पड़ने की आशंका रहेगी। और यदि तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है, फसलों में इल्लियां बढ़ेंगी। बारिश ओले से चने का फूल और कणिकाओं को नुकसान हो सकता है। मटर और चौड़ी पत्ती वाली सब्जियों में पालक, गोभी को नुकसान है। आलू की फसल में तो सर्वाधिक नुकसान की आशंका है। गेहूं पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि उसकी पत्ती संकरी होती है। किसान फसलों की सुरक्षा के लिए खेत की मेढ़ पर भूसा से धुओं करें जिससे खेत का वातावरण गर्म रहे और फसल पाला से बच सके।

इनका ये है कहना
नर्मदा तटीय क्षेत्र के कुछ गांवों में ओलावृष्टि हुई है। चने के आकार के ओले गिरे हैं और बारिश हुई है। अभी कहीं से कोई अधिक नुकसान की खबर नहीं है।
आरएस राजपूत, एसडीएम गाडरवारा।