प्रदेश के पेंशनर्स को जीवन प्रमाण देने हर साल नहीं लगाना होगा बैंकों के चक्कर, सरकार ने किया ये बड़ा काम

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भोपाल/नरसिंहपुर । प्रदेश के वित्त मंत्री तरूण भनोत ने कहा है कि पेंशनर द्वारा डिजीटल स्वरूप में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के लिए जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा पेंशनर की सुविधा के लिए डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। समस्त बैंक यह सुविधा सुनिश्चित करें। इसकी मॉनीटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। राज्य स्तरीय बैंकिग कमेटी की प्रतिमाह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी। यह सुविधा पेंशनर को हर वर्ष बैंक जाने की बाध्यता से मुक्ति दिलाने के लिए आरंभ की गई है।
वित्त मंत्री ने यह बात पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट के दौरान कही। पेंशनर संगठनों द्वारा वित्त मंत्री से भेंट कर प्रतिवर्ष बैंक में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में आ रही कठिनाई से उन्हें अवगत कराया था।
उल्लेखनीय है कि पेंशन नियमों के अंतर्गत राज्य शासन के सभी पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष 01 नवम्बर की स्थिति में जीवित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का प्रावधान है। यह प्रमाण-पत्र पेंशनर जिस बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त करते हैं, वहाँ प्रस्तुत करना होता है। पेंशनर को बैंक में हर वर्ष जाने की बाध्यता से मुक्त करने के प्रयोजन से राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों में डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा विकसित कर निर्देश जारी किए गए थे।

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