भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अवैधानिक तरीके से चल रही साहूकारी और सूदखोरी की गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए निवास कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सूदखोरों-साहूकारों द्वारा मनमाना ब्याज लिए जाने से घटित कल की घटना ह्रदय विदारक और असहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए अवैधानिक रूप से सूदखोरी का काम करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सूदखोरों-साहूकारों की गतिविधियों पर सघन निगरानी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान अवैधानिक तरीके से चल रही साहूकारी और सूदखोरी की गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए निवास कार्यालय में बुलाई गई आपात बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने साहूकारी अधिनियम और अनुसूचित जाति ऋण विनियम के प्रावधानों के सम्बंध में चर्चा की।
सूदखोरों-साहूकारों की प्रताड़ना से बचाने चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनमाने ब्याज की दरों पर बिना किसी लाइसेंस के लोग ऋण देते हैं और वसूली के लिए लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। दिए गए पैसे से कई गुना अधिक वसूला जाता है। ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। लाइसेंस लेकर नियम अनुसार निर्धारित ब्याज दर पर विधिवत ऋण देने संबंधी कार्य करने वालों के संबंध में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ऋण देकर जोर-जबरदस्ती पैसे वसूलना और आत्महत्या के लिए विवश कर देना, यह असहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हाल ही में घटित घटना में लिप्त व्यक्तियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
सूदखोरी और साहूकारी का कार्य कर रहे अपंजीकृत व्यक्तियों की जानकारी एकत्र की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जनजातियों के लिए कानून है। अन्य समुदाय के साथ हो रही इस प्रकार की गतिविधियों के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। सभी संबंधित विभाग इस संबंध में परस्पर समन्वय से ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह आंकलन किया जाए कि वर्तमान में कितने व्यक्ति ब्याज पर पैसा चलाने की गतिविधि के लिए पंजीकृत हैं। जो व्यक्ति अपंजीकृत रूप से यह गतिविधियाँ संचालित कर रहे हैं उनकी जानकारी एकत्र की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकायों द्वारा पंजीकरण की व्यवस्था है तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों पर पंजीकरण की जिम्मेदारी है।