यह बात नर्मदा में हो रहे बेतहाशा अवैध उत्खनन को बंद कराने एवं लोगों को नर्मदा की सुरक्षा के लिए जागरूक करने चेतना प्रवाह नर्मदा खंड पदयात्रा निकालने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र पटेल ने रविवार की शाम बरमान में कही।पदयात्रा के पहले चरण का बीते दिवस समापन हुआ। 21 दिवसीय परिक्रमा कर नर्मदा के उत्तरतट बरमान आगमन पर पथिकों ने नर्मदाजी की महाआरती की। पथिक श्री पटेल ने इस मौके पर कहा कि 21 दिनों में 400 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा की गई। जिसमें दक्षिण तट से होते हुए 4 जिले नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद एवं सीहोर से होकर उत्तर तट से वापसी हुई। सभी जिलों में मां नर्मदा का बेजा दोहन किया जा रहा है। नर्मदा तटों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर खेती गेहूं चना आदि की खेती की जा रही है। जिसमें केमिकल युक्त कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि सीधे नर्मदा के जल में मिल कर उसे दूषित कर रहे हैं। नर्मदा परिक्रमा के दौरान मिले अनुभवों को पथिक श्री पटेल ने उपस्थित लोगों से साझा किया। उन्हांेने कहा कि घाटों पर अतिक्रमण से अनेक जगह तो परिक्रमा वासियों को निकलने तक के लिए जगह बड़ी मुश्किल से मिलती है। वहीं प्रत्येक घाट पर बड़ी बड़ी पोकलेन मशीनों से नर्मदा के आंचल को छलनी किया जा रहा है। हमारे द्वारा सभी घाटों में चल रहे अवैध उत्खनन की फोटो व वीडियोग्राफी कर साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं। मां नर्मदा में जिस तरह बेधड़क बड़ी बड़ी मशीनों से बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है उससे शासन प्रशासन की मिलीभगत व राजनैतिक संरक्षण साफ जाहिर हो रहा है जिसके चलते जीवनदायनी माँ नर्मदा का अस्तित्व खतरे में है।
जारी रहेगा अभियान
श्री पटेल ने बताया कि नर्मदा के अस्तित्व को बचाने यह अभियान लगातार जारी रहेगा। परिक्रमा में देवेंद्र पटेल के साथ पदयात्री सोनू सरावगी, पूनम दीक्षित, दीपक पटेल, पुरषोत्तम बाथम एवं अमित रजक मौजूद रहे। रविवार शाम पदयात्रा के बरमान उत्तर तट पहुंचने पर बड़ी संख्या में एकत्रित नर्मदा भक्तों ने स्वागत किया बाद में तट पर मां नर्मदा की भव्य आरती के बाद प्रसाद वितरण कर नर्मदा पदयात्रा खंड परिक्रमा के प्रथम चरण का समापन किया गया।