खानदान में परिजनों की हत्या की निभाई ‘परंपरा’, थलवाड़ा में छोटे ने ही मारा बड़े भाई को

हत्या को दुर्घटना साबित करने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा

0

नरसिंहपुर। चीचली थाना अंतर्गत ग्राम थलवाड़ा की मुख्य सड़क में 16 फरवरी को मृत मिले गाँव के 40 वर्षीय गुड्डु उर्फ रामकुमार कौरव पिता बड्डे भैया कौरव की जान सड़क हादसे में नही गयी थी, बल्कि उसकी हत्या की गयी थी। हैरत की बात ये है कि उसे मारने वाला और कोई नही बल्कि उसका सगा छोटा भाई हरिओम कौरव 29 वर्ष था। शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकारवार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी ने इस अंधी हत्या का खुलासा करते हुए उक्त जानकारी दी। चौंकाने वाली बात ये है कि इसके पहले इसी खानदान में सगे परिजन के बीच खून खराबा हो चुका है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अनुसार मृतक व आरोपी के परिवार में हत्या की वारदात कोई पहली बार नही हुई। आरोपी के दादा ने अपनी पत्नि की हत्या की थी। उसके पिता ने भी अपनी पत्नि याने आरोपी की मां को मौत के घाट उतारा था। अब इसी परिवार में भाई ने भाई की हत्या कर दी थी।
संदेह होने पर सक्रिय किया मुखबिर तंत्र
श्री तिवारी ने बताया कि 16 फरवरी को डॉयल 100 पर पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम थलवाड़ा में एक व्यक्ति मृत पड़ा हुआ है, जिसके सिर में चोट के निशान थे एवं उसकी बाइक भी बगल में पड़ी हुई थी। प्रथम दृष्टया मामला सड़क हादसे का प्रतीत हो रहा था। जिस पर चीचली पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच आरंभ की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर गंभीर चोट लगने से मृत्यु होना पाया गया। जांच के दौरान पुलिस को राजकुमार की हत्या का संदेह हुआ तो पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी व एसडीओपी गाडरवारा एसआर यादव के मार्गदर्शन में टीम गठित कर तकनीकि व मुखबिरों के माध्यम से पतासाजी की गयी, तो रामकुमार का छोटा भाई ही उसकी हत्या का आरोपी निकला।
वाद-विवाद के दौरान सिर में मार दी सब्बल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतक अक्सर शराब पीकर अपने छोटे भाई आरोपी हरिओम के साथ गाली-गलौज करता रहता था और घर की खेती का पैसा भी शराब में उड़ा देता था। 15 फरवरी को शाम करीब 5.30 बजेे भी राजकुमार नशे में धुत्त था, जिसका घर में फिर छोटे भाई हरिओम से विवाद हो गया और मारपीट होने लगी। इस दौरान हरिओम ने हाथ आया लोहे का सब्बल राजकुमार के सिर में दे मारा, जिससे उसकी मौत हो गयी। हरिओम ने अपनी करनी छिपाने के लिए घर में बिखरा खून साफ किया और अपने बड़े भाई के शव को तिरपाल में लपेटकर कमरे में छिपा दिया। फिर रात्रि करीब 2 बजे वह रामकुमार के शव को घर के बाहर लेकर आया और सड़क पर फेंक दिया। उसके बगल में ही उसकी बाइक भी डाल दी, ताकि मामला दुर्घटना का लगे। पर लंबे वक्त से मृतक की मोबाइल लोकेशन उसके घर के आसपास ही मिलना प्रकरण के पटाक्षेप का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
गुत्थी सुलझाने में इनकी रही भूमिका
पुलिस ने आरोपी हरिओम को अपराध क्रमांक 43/2020 की धारा 302 एवं 201 भादवि में न्यायालय में पेश किया। आरोपी की गिरफ्तारी में चीचली थाना प्रभारी अजय खूब्रागढ़े, सउनि संजय सूर्यवंशी, अनिल सिंह, प्रआ राजेश शर्मा, उनि रविन्द्र प्रधान, आरक्षक संजय मिश्रा, जितेंद्र, अनुराग कौरव, लक्ष्मी नगपुरे, राजेंद्र पटैल, राजेश, मोहित, संजय ठाकुर व सायबर सेल की मुख्य भूमिका रही।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
Open chat