Khabar Live 24 – Hindi News Portal

सफाईकर्मी की मौत के बाद भी बना दिया 2 माह का वेतन, करेली नगरपालिका का कारनामा

 नरसिंहपुर। एक सफाईकर्मी की मार्च 2019 में मृत्यु हो गई थी, लेकिन उसका वेतन अप्रैल-मई में बनाकर ईपीएफ भी जमा कर दिया गया। नपा के इस कारनामे के चलते पिछले 15 माह से ईपीएफ की राशि प्राप्त करने मृतक की पत्नी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है। ये अजीबोगरीब कारनामा नगरपालिका परिषद करेली में हुआ है। मामला उजागर होने पर अधिकारी अब लीपापोती में जुट गए हैं। आनन-फानन में मंगलवार देर शाम को उन्होंने पीड़ित को राशि दिलाने प्रतिवेदन तक बना डाला।
मामला ये है कि नपा करेली में कार्यरत सफाईकर्मी प्रीतम पिता जीवनलाल हरिजन की मृत्यु मार्च 2019 में हो गई थी। बावजूद इसके मृतक के नाम से 2 माह का वेतन बनाया जाता रहा। इसका खुलासा तब हुआ जब मृतक की पत्नी पार्वती ईपीएफ की राशि प्राप्त करने जबलपुर स्थित कार्यालय पहुंचीं। यहां उन्हें कहा गया कि उनके पति को अप्रैल व मई माह में भी वेतन मिला है। पार्वती को उन्होंने ईपीएफ की रसीद भी दी। साथ ही मार्च माह में बना पति के मृत्यु का प्रमाण पत्र मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद से पीड़िता जबलपुर के ईपीएफ कार्यालय से लेकर करेली नगरपालिका के चक्कर लगाती रही। 15 महीने गुजर गए लेकिन, हाथ में पति की जमापूंजी नहीं मिली।
मृतक की पत्नी से जमा करा ली ईपीएफ की राशि
नगर पालिका परिषद करेली के अधिकारी-कर्मचारियों ने अवैध रूप से निकाले गए प्रीतम के वेतन मामले को दबाने के लिए मृतक की पत्नी पार्वती से ईपीएफ की अतिरिक्त राशि 6944 रुपये भी जमा करा ली थी। इसकी रसीद भी उसे प्रदान की गई। वहीं जब अफसरों को लगा कि मामला मीडिया में तूल पकड़ सकता है तो उन्होंने मृतक के खाते से वेतन राशि वापस लेने व ईपीएफ कार्यालय को प्रतिवेदन भेजने की कहानी शुरू कर दी।

इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में आया है मैं नगर पालिका सीएमओ से चर्चा कर मामले की जांच करवाता हूं।
रमेश कुमार मेहरा तहसीलदार करेली

मेरी पहली प्राथमिकता महिला व उसके परिवार को मिलने वाली सहायता राशि दिलाना है। इसके लिए हमने प्रतिवेदन बना लिया है, बुधवार को इसे ईपीएफ ऑफिस जबलपुर भेज दिया जाएगा। मामले में दो कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं, दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
स्नेहा मिश्रा मुख्य नगरपालिका अधिकारी करेली