गाडरवारा: शक्कर नदी में नहीं रोक सके नालों का पानी, नगरपालिका पर एनजीटी की गाज-भरना होगा जुर्माना 44 लाख

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नरसिंहपुर। गाडरवारा की शक्कर नदी में शहर के चार बड़े नालों का पानी छोड़े जाने को लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के बाद अब एनजीटी ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। बीते दिवस जारी आदेश में एनजीटी न्यायालय ने नगरपालिका प्रशासन पर 44 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। हालांकि ये जुर्माना राशि 31 जुलाई 2020 तक के लिए है। जबकि इसके बाद से वर्तमान तक की जुर्माना राशि का आकलन अलग से किया जाएगा।
एनजीटी में याचिकाकर्ता और नागरिक उपभोक्ता मंच के कार्यकर्ता पवन कौरव व मनीष शर्मा बताया कि नगरपालिका गाडरवारा के अंतर्गत चार बड़े नालों लड़ैयानाला, ओशोधाम नाला, छिड़ावघाट नाला और मातावार्ड के नाले में बहने वाला शहर का गंदा पानी रेलवे स्टेशन के पास शक्कर नदी में मिलता है। वर्ष 2016 में इन नालों से नदियों के पर्यावरण को रही क्षति और नदियों के अस्तित्व के खतरे को देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने नगरपालिका गाडरवारा को नदी के मुहाने पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्मित कराने कहा था।इसके अलावा नदी के तटों पर व्यापक स्तर पर पौधरोपण कराने निर्देशित किया गया।नालों के कारण हुई पर्यावरणीय क्षति के आकलन के लिए चार सदस्यीय दल भी गठित किया गया। कमेटी की जांच और निष्कर्ष के स्वरूप प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नगरपालिका पर 31 जुलाई 2020 को 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इस जुर्माने की रकम को नगरपालिका प्रशासन द्वारा जमा नहीं कराया गया।नगरपालिका की इस मनमानी के बाद याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता प्रभात यादव की मदद से एनजीटी की शरण ली। कार्यकर्ताओं ने नदियों के बिगड़े स्वरूप, पूर्व में जारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों को एनजीटी के जस्टिस शिव कुमार सिंह और मामलों के विशेषज्ञ अरुण कुमार वर्मा के कोरम के समक्ष रखा। न्यायालय ने प्रकरण को गंभीर मानकर नगरपालिका गाडरवारा को तत्काल प्रभाव से 44 लाख रुपये का जुर्माना जमा करने आदेशित किया। इसके अलावा 1 अगस्त 2020 से वर्तमान तक की अवधि में नालों के कारण पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ है, इसका अलग से आकलन करने और जुर्माना राशि तय करने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को निर्देशित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि नगरपालिका प्रशासन जल्द से जल्द सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे और इसे स्वीकृत कराए। मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।

इनका ये है कहना
एनजीटी न्यायालय द्वारा कोई जुर्माना संबंधी आदेश जारी किया है, इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। हालांकि हमने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए मप्र शासन को प्रस्ताव भेजा है।
एपी गहरवार, सीएमओ, नगरपालिका गाडरवारा।

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